बक्सर में क्रेच वर्कर सह सहायक क्रेच बहाली में धांधली का आरोप
महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा 11 सितंबर को जारी की गई थी चयनित अभ्यार्थियों की सूची
जिला पदाधिकारी के दरबार में पहुंचा शिकायत, जिला पदाधिकारी ले संज्ञान
राजन मिश्रा/दीपक चौबे, 14 अक्टूबर 2025
बक्सर - बेरोजगारी के इस दौर में किसी को कहीं नौकरी नहीं मिल पा रही वही किसी को मिलीभगत से मिले नौकरी भी कुछ अधिकारियों की कृपा से नहीं मिल पाता इसी प्रकार का एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें महिला बाल विकास निगम द्वारा क्रेच वर्कर की बहाली ली गई जिसमें पारदर्शिता के नाम पर कागजी खानापूर्ति तो कर दिया गया लेकिन संबंधित अभ्यर्थियों को इससे अवगत नहीं कराया गया आनन-फानन में बहाली की प्रक्रिया को पूरा करते हए 24 घंटे में चयनित अभ्यर्थियों का योगदान भी करा दिया गया लेकिन इसमें इस बात का ध्यान नहीं रखा गया की जो अभिव्यक्ति चयनित नहीं है उनके सवालों का जवाब भी दिया जाए इस बहाली में जहां तक पाया जा रहा संस्कृत शिक्षा बोर्ड द्वारा कोई अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया गया है जिसके आधार पर चयनित प्रक्रिया भी प्रभावित हुई है सबसे बड़ी विडंबना यह है कि कोई बोर्ड किस प्रकार का अनुभव प्रमाण पत्र जारी करता है इस पर प्रकाश डालना होगा इसके साथ ही एक ही बोर्ड का टोटल अंक पूर्णांक भी सरकारी वेबसाइट पर दिए गए जानकारी में अलग-अलग दिख रहा है सवाल यह है कि संभवत कोई सरकारी संस्थान बिना कोई काम किये किसी प्रकारका प्रमाण पत्र जारी नहीं करता लेकिन इस बहाली के प्रक्रिया में ऐसे अनुभव प्रमाण पत्र को भी माध्यम बनाया गया है और इससे बहाली का पूरा चयन प्रक्रिया प्रभावित हुआ है ऐसे में चयनित नहीं हुए अभ्यर्थियों का कहना है जब अभ्यर्थी मामले का पता लगाने कार्यालय में पहुंचते हैं तो उन्हें डांट फटकार कर भगा दिया जाता है जिसके बाद एक अभ्यर्थी द्वारा बक्सर जिला पदाधिकारी को संबंधित समस्या से अवगत कराया गया है इस चयन प्रक्रिया पर जांच बैठाने की मांग भी की गई है
गौरतलब हो कि इस मामले को लेकर अखबारों मे भी सुर्खियां बनाई गई है बावजूद इसके किसी प्रकारकी ठोस करवाई अभी तक नहीं की गई है बताया जाता है कि यदि ढग से प्रक्रिया की जांच कर दी जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा लेकिन इसमें संलिप्त लोग मामले को ठंडा बस्ते में डालने के चक्कर में पड़े हुए हैं संभवत इसमें फंसने फंसाने का डर भी हो सकता है
अब इस मामले में जिला पदाधिकारी को संज्ञान लेते हुए संबंधित आदेश जारी करने होंगे ताकि समय रहते फर्जी अभ्यर्थियों को चिन्हित कर विभागसे निकला जा सके और सही अभ्यर्थी को नौकरी तक पहुंचाया जा सके वही इस चयन प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले लोगों की पहचान की जा सके इसमें दोषियों को दंडित करना आवश्यक है ताकि आने वाले समय में इन कृतियों की पुनरावृत्ति न हो सके
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