रेलवे सुरक्षा बल द्वारा संपूर्ण भारत में टिकट दलालों के विरुद्ध हुई छापेमारी 


राजन मिश्रा                                                                                                                                                  14 मई 2019  

रेलवे में ग्रीष्म अवकाश, स्कूलों की छुट्टियां तथा शादी विवाह का मौसम होने के कारण ट्रेनों में अत्यधिक भीड़- भाड़ का माहौल रहता है, जिसमें कोई जगह से ऐसी सूचनाएं मिल रही थी कि इस स्थिति का फायदा उठाते हुए असामाजिक तत्वों द्वारा टिकट काउंटर एवं इंटरनेट टिकटिंग सुविधा का दुरुपयोग करते हुए फर्जीवाड़ा कर अत्यधिक दामों पर रेल टिकटों की कालाबाजारी किया जाता है इस प्रक्रिया में आमजनों को टिकट की व्यवस्था तो नहीं ही मिल पाती है वहीं आईआरसीटीसी की वेबसाइट में दी गई यात्री सुविधाओं का दुरुपयोग भी जमकर हो रहा है ऐसी सूचनाओं के बाद महानिदेशक रेल सुरक्षा बल श्री अरुण कुमार ने अखिल भारतीय स्तर पर तकनीकी एवं आईटी सेल की मदद से ऐसे सभी संदिग्धों को चिन्हित करते हुए उनके गतिविधियों की खुफिया जानकारी एकत्रित करवाई तथा इनके विरुद्ध कार्रवाई हेतु गुप्त योजना बनाई गई और इन सूचनाओं से संबंधित सभी क्षेत्रीय रेल के रेल सुरक्षा बल प्रमुखों से अत्यंत गोपनीय रूप से कुछ बातों को साझा करते हुए पूरे देश में एक साथ एक ही दिन और एक ही सवाल पर छापेमारी की योजना बनाते हुए अधिकारियों को संदिग्धों के संबंध में छापामारी के पूर्व उनका पुनः सत्यापन करने के निर्देश भी जारी किए गए थे कार्यवाही की व्यापकता एवं गंभीरता को देखते हुए छापेमारी को सफल बनाने हेतु एक ही तिथि को अर्थात 13 जून को छापेमारी का व्यवस्था बनाया गया इसे ऑपरेशन थंडर का नाम दिया गया पूरे भारत में टिकट दलालों को जड़ से समाप्त करने हेतु एक साथ इतना बड़ा आघात करने के लिए रेलवे सुरक्षा बल द्वारा व्यापक तैयारियां की गई जिसमें रेलवे सुरक्षा बल के अपराध शाखा साइबर सेल एवं आईटी तकनीक से संबंधित लोगों का योगदान लिया गया और टिकट दलालों को एक साथ पकड़ने की व्यवस्था रेलवे सुरक्षा बल द्वारा बनाई गई तत्काल टिकटों में दलालों एवं आईआरसीटीसी की वेबसाइट से छेड़छाड़ , सॉफ्टवेयर द्वारा कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हेतु रेलवे सुरक्षा बल कटिबद्ध है पूरे ऑपरेशन में सभी स्तर के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की व्यक्तिगत रूचि तथा लवण के परिणाम स्वरूप इस ऑपरेशन में बड़ी सफलता भी प्राप्त हुई देश के 141 शहरों में 276 स्थानों पर एक दिन एक साथ छापेमारी की गई. जिनमें 387 टिकट दलाल देश के विभिन्न शहरों से इस व्यवसाय में शामिल पाए गए जिनकी गिरफ्तारी अभी की गई 22,253 टिकट जिनका मूल्य 32 लाख 99 हजार 93रूपया था टिकट भी जप्त किया गया और इसके प्रारंभिक जांच में पाया गया कि इन टिकट दलालों द्वारा पूर्व में भी 3,24,12706 रुपए मूल्य के टिकटों का अवैध कारोबार किया गया है इन सभी संदिग्ध यूजर आईडी को जप्त टिकटों को निष्क्रिय करने की प्रक्रिया भी की जा रही है इस छापेमारी में राजस्थान के कोटा का रेड मिरिक सॉफ्टवेयर को जप्त किया गया है इस ऑपरेशन में कुल 374 मामले दर्ज करते हुए लगभग 387 अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है रेल सुरक्षा बल के महानिदेशक का कहना है कि भविष्य में भी इस तरह की विशेष अभियान नियमित रूप से चलाए जाएंगे ताकि रेल में यात्रा कर रहे यात्रियों को दलालों का सहारा न लेना पड़े और आराम से लोग अपना टिकट करा सकें गौरतलब हो कि आए दिन लोग कहीं जाने आने को लेकर टिकट की समस्या से दो-चार होते रहते हैं जिसके पीछे कहीं न कहीं रेलवे के भी लोग शामिल होते हैं इस अभियान में रेलवे के लोगों की गिरफ्तारी भी आवश्यक है क्योंकि जब तक रेलवे के कर्मचारी नहीं चाहेंगे तत्काल टिकटों सहित अन्य टिकटों में दलाल सक्रिय नहीं हो सकते हैं कही न कही से दलालों को इनका संरक्षण प्राप्त होता है जिसका नाजायज फायदा ये लोग उठाकर आम यात्रियों को परेशान रखते हैं उच्च अधिकारियों को चाहिए कि ऐसे लोगों की गिरफ्तारी भी तत्काल की जाए और उन्हें रेलवे से सेवा मुक्त करने की व्यवस्था भी बनाई जाए

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