भारतीय रेल का अर्थव्यवस्था की मजबूती की दिशा में ठोस कदम माल ढुलाई को प्रोत्साहित करने के उपायों की घोषणा
राजन मिश्रा
हाजीपुर : 13.09.2019
भारतीय रेल अर्थव्यवस्था पर जोर देने के उद्देश्य से उद्योग जगत के विभिन्न हिस्सों को समर्थन करने के लिए भारतीय रेल ने माल ढुलाई को प्रोत्साहित करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है । इन उपायों का विवरण निम्नानुसार है:-
माल ढुलाई की दर से संबंधित उपाय:-
1. व्यस्त सीजन शुल्क की लेवी को स्थगित किया गया:
01 अक्तूबर से 30 जून के बीच 15 प्रतिशत की दर से व्यस्त सीजन शुल्क की वसूली की जाती है, जिसे अगले आदेश तक स्थगित किया गया है (कच्चा लोहा, अयस्क और पीओएल को छोड़कर)।
कोयला एवं कोक तथा कंटेनर यातायात को पहले से छूट मिली हुई है।
2. छोटे और दो स्थानों के रेकों पर पूरक शुल्क में छूट:
छोटे और दो स्थानों के रेकों पर लदान पर लागू 5 प्रतिशत पूरक शुल्कों को हटाया जा रहा है।
इससे छोटे आकार के कार्गो के लदान को बल मिलेगा और सीमेंट, इस्पात, खाद्यान्न और उर्वरकों की लदान बढ़ेगी।
3. कंटेनर यातायात पर राउंड-ट्रिप शुल्क:
कंटेनर यातायात की हॉलेज चार्ज रेटिंग के अनुसार, शुल्क कायम करने के लिए 0 से 50 किलोमीटर को न्यूनतम दूरी मानी जाती है जिसमे कंटेनर यातायात फिलहाल काफी कम है।
इसलिए प्रत्येक मार्ग पर 50 किलोमीटर से कम दूरी के लिए कंटेनर ट्रिप का राउंट ट्रिप शुल्क निर्धारण शुरू किया गया है।
इस योजना के तहत, 0 से 50 किलोमीटर स्लैब के प्रत्येक मार्ग के लिए शुल्क निर्धारण के स्थान पर, दोनों तरफ की आवाजाही के लिए 0-100 किलोमीटर स्लैब के लिए हॉलेज शुल्क वसूल किया जाएगा।
इससे संपूर्ण राउंड ट्रिप के लिए प्रति टीईयू लगभग 35% सस्ता हो जाएगा।
इससे बंदरगाहों और अंतर्देशीय कंटेनर डिपों के बीच आयात-निर्यात यातायात को विशेष रूप से बल मिलने की आशा है।
4. खाली कंटेनरों और खाली फ्लैट वैगनों की आवाजाही पर छूट:
बंदरगाहों तक खाली/फ्लैट कंटेनरों की आवाजाही को प्रोत्साहित करने के
लिए कंटेनरों के हॉलेज शुल्क में 25 प्रतिशत छूट दी जा रही है, जिससे कंटेनर ट्रैफिक की लदान बढ़ने की संभावना है।
इससे रेलवे के साथ-साथ परिवहन के अन्य तरीकों के बीच मूल्य प्रतिस्पर्धा बढ़ने की संभावना है और नई यातायात को अपनाकर माल ढुलाई बढ़ने की उम्मीद है।
5. कंटेनर यातायात के लिए बड़े पैमाने पर सामग्रियों की विमुक्ति:
कंटेनर हॉलेज शुल्क निर्धारण नीति के अनुसार, कंटेनर क्लास दरों पर अधिसूचित सामग्रियों के लिए वसूली की जाती है, जो सामान्य यातायात दरों की तुलना में 15 प्रतिशत कम है। शेष सामग्रियों के लिए फ्रेट ऑल काइंड (FAK) दरों पर शुल्क ली जाती है,जो कंटेनर क्लास दरों से भी कम है।
हाल में, 90 अतिरिक्त सामग्रियों की विमुक्ति की गई है, जिससे उनका हॉलेज शुल्क सीसीआर से घटकर एफएके दरों तक पहुंच गया है।
अब सामग्री यातायात में कुल 635 सामग्रियों में से केवल 38 सामग्रियां अधिसूचित/सीसीआर दरों के तहत हैं (इनमें से 11 पीओएल सामग्रियां हैं)।
6. माल ढुलाई विपणन पहल:
अतिरिक्त नई उन्नत सामग्रियों कार रेकों की शुरूआत तथा नए डिजाइन की बीआई लेवल ऑटो कार वैगनों की शुरूआत।
पूर्ववर्ती 3 वेट स्लैबों के स्थान पर 4 नए वेट स्लैबों के साथ रोड रेलर को युक्तिसंगत बनाना। और भी अधिक प्रतिस्पर्धी दर लागू करना।
सामग्री वैगनों में लदान के समय जल्दी में नष्ट होने वाले यातायात में वजन संबंधी शर्तों से छूट।
कारोबारी सुगमता तथा डिजिटाइजेशन बढ़ाने के उपाय
1. ईटी-आरआर का पूरे भारत में कार्यान्वयन करना:
रेलवे की रसीदों का इलेक्ट्रॉनिक विधि से प्रेषण (ईटीआरआर) की सुविधा को 01-8-2019 से पूरे देश में सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
2. वजन संबंधी सुधार:
प्राइवेट साइडिंग में सामग्री यातायात के वजन के लिए प्री-वेबीन सिस्टम की अनुमति दी गई है।
पूर्ववर्ती नीति के अनुसार, यदि वैगनों का दो बार वजन किया जाता था तो दोनों वजनों में से अधिक वजन को शुल्क निर्धारण अथवा जुर्माना वसूली के लिए अंतिम माना जाता था। अब इस नीति में सुधार किया गया है। इसके तहत दूसरी बार किए गए वजन को शुल्क निर्धारण के लिए अंतिम माना जाएगा।
Post A Comment: