एशिया का सबसे बड़ा गांव गहमर में बिजली की समस्या से जूझ रहे लोग 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सहित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक जा चुका है मामला


जनप्रतिनिधियो और ग्रामीणों की मांग को टाल मटोल कर रहे है पदाधिकारी के 5 से 6 घंटे रह रही बिजली किसानों को हो रही परेशानियां 

सूखे की मार से परेशान है किसान बिजली के अभाव में पीले  पड रहे धान

जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीण किसान आंदोलन की कर रहे  तैयारी लोगों का गुस्सा कभी भी भडक कर सडक पर आ सकता है 


राजन मिश्रा 
10 सितम्बर 2019

गहमर - एशिया के सबसे बड़े गांव गहमर जो कि उत्तर प्रदेश में हैं इन दिनों यहॉ के लोग बिजली की समस्या से जूझ रहे है बताया जाता है कि इस गांव में बिजली के तार कई जगहो पर बिल्कुल जर्जर हो चुके हैं जिनको बदलने की व्वस्था सरकारी तौर पर नही की जा रही है , वहीं जहॉ सरकार 18 से 20 घंटे बिजली मुहैया करने का दावा करती है वहां केवल 5 से 6 घंटे बिजली मिलती हैं वह भी ऐसे समय में बिजली आता है जब लोगों का कोई काम नहीं होता, जब काम का समय होता है उस समय हमेशा बिजली गुल ही रहती है शाम का समय हो या सुबह का बिजली नदारद ही रहती है बिजली के अभाव में बच्चों की पढ़ाई फसलों को पानी देने का काम सहित कई जरूरी काम जिसमें महिलाओं का घरेलू कार्य भी शामिल है समय से नहीं हो पाता सूत्रों की माने तो इस बिजली के सुधार को करने को ले गांव के कई जनप्रतिनिधि और गॉव के लोग लगातार सरकार के लोगों को पत्रों के माध्यम से सूचित करते रह रहे हैं वही इन लोगों द्वारा आगामी 19 सितंबर को बिजली सही कराने को लेकर धरना प्रदर्शन पर बैठने की व्यवस्था बनाने के लिए सरकार के लोगों को सूचित भी किया गया है लेकिन अभी तक धरना प्रदर्शन के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति सरकार के लोगों द्वारा नहीं दी गई है इनके आवेदन को ठंढे बस्ते का रास्ता दिखा दिया गया है
गौरतलब हो कि घरेलू कार्यों के साथ-साथ खेतों में फसल बर्बाद हो रहे हैं जिसके पीछे कहीं ना कहीं बिजली का नहीं होना अहम भूमिका निभा रहा है ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ हम लोग प्राकृतिक मार से जूझ रहे हैं समय पर वर्षा नहीं होने से फसल नष्ट होने के कगार पर हैं वही समय पर बिजली नहीं आने के कारण पटवन के काम में काफी समस्या आ गया है और फसल धीरे-धीरे पीले पड़ने लगे हैं ऐसी स्थिति में किसान आने वाले दिनों में भुखमरी के शिकार होने लगेगे इन तमाम तथ्यों को सरकार तक पहुंचाने के बाद भी अधिकारियों की नींद नहीं खुली है और बिजली की व्यवस्था पर किसी भी प्रकार का समाधान सरकार के तरफ से नहीं निकाला गया है कई बार अखबार की सुर्खियों के माध्यम से भी इस समस्या का समाधान करने की कोशिश की गई लेकिन अभी तक कोई सार्थक परिणाम सामने नहीं आ सका है इस मामले पर बात करते हुए जन संघर्ष समिति के संयोजक सह पूर्व ग्राम प्रधान मुरली कुशवाहा ने बताया कि सरकार के मंत्रियों के साथ - साथ पदाधिकारियों और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भी इन तमाम समस्याओं को ले आवेदन भेज दिया गया है और अब आगामी 19 सितंबर को गहमर गॉव के लोग सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन करते हुए सरकार को जागरूक करने की व्यवस्था में लगे हैं, अनुमति अभी तक सरकारी रूप से धरना - प्रदर्शन के लिए नहीं मिल सका है बावजूद इसके धरना प्रदर्शन की तैयारी पूरी कर ली गई है.
गौरतलब हो कि गहमर एशिया के सबसे बड़े गांव के रूप में देखा जाता है और इस गांव में मूलभूत सुविधाओं का नहीं होना कहीं न कहीं सरकारी विफलताओं को उजागर करते हुए नजर आ रहा है सबसे बड़ी बात यह है कि गांव के पूर्व प्रधान सहित तमाम जनता एक सुर में बिजली को ले अपनी परेशानी बताते नजर आ रहे है ऐसे में सरकार को इन परेशानियों को दूर करने की व्यवस्था तुरंत कराते हुए लोगों को राहत पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए.
अब यह मामला देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित तमाम आला अधिकारियों तक भी जा चुका है वावजूद इसके कार्यों का नहीं किया जाना कहीं ना कहीं लालफीताशाही का हावी होना दर्शाता है जिसे दूर करना अति आवश्यक है

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