कोरोना के असली मतलब गरीबों को रुलाना है - गोविंद जयसवाल

सरकार को चुनाव कराना है तो कोरोना नहीं लगता, जनसभा एवंम चुनावी रैली के लिए कोरोना नहीं लगता केवल गरीबों के दुकानों को खोलने पर कोरोना लगता है आखिर क्या है यह कोरोना यह सबसे बड़ा सवाल - गोविंद जायसवाल



राजन मिश्रा

10 अप्रैल 2021

बक्सर-शहर के एक बड़े समाजसेवी गोविंद जयसवाल ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहां है कि सरकार इन दिनों केवल गरीबों को खून के आंसू रुलाने का काम कोरोना को माध्यम बनाकर कर रही है जहां सरकारी काम सच पूछिए तो जहां सरकार के लोगों का हित रहता है वहां कोरोनावायरस नाम का कोई चर्चा ही नहीं रहता जैसे बंगाल सहित कई राज्यों में पिछले दिनों चुनाव कराया गया वही अभी कुछ जगहों पर चुनाव हो ही रहा है वहां पर कोरोनावायरस का कोई चर्चा नहीं है वही जहां पर कोई चुनाव नहीं होना है वहां कोरोनावायरस से पीड़ित लोगों का आंकड़ा सरकार द्वारा लगातार दिखाया जा रहा है कई जगहों पर लॉकडाउन वहीं कई जगहों पर रात्रि कर्फ्यू लगाने की व्यवस्था सरकार द्वारा कर दी गई है उन्होंने कहा कि भगवान ना करे कि बिहार सरकार गिर जाए तो तुरंत ही बिहार से कोरोनावायरस गायब हो जाएगा,अभी जो जांच हो रहा है वह सर्दी खांसी बुखार का जांच हो रहा है क्योंकि मोदी जी के हिसाब से रात को कोरोना नहीं रहता और दिन में कोरोनावायरस आ जाता है यदि दिन में गरीब गुर्गे लोगों की दुकानें नहीं खुलेंगे तो वह भूखमरी के कगार पर आ जाएंगे और कोरोनावायरस से पीड़ित होने के पहले ही वह भगवान को प्यारे हो जाएंगे ऐसे में जब कोरोना को लेकर लॉकडाउन और बंदी करानी है तो मोदी जी को चाहिए कि सभी गरीब लोगों के खाते में पहले से ही 15 - 15 लाख रुपए डाल दें और दो 4 सालों के लिए लॉकडाउन लगा दे, वैसे भी मोदी जी द्वारा 15 -15 लाख रुपए गरीबों को देने की बातें बहुत पहले ही कही जा चुकी है लेकिन आज तक ₹1 भी गरीबों के खाते में नहीं पहुंच सका है जिस कारण लोगों का विश्वास इन पर से उससे जा रहा है यदि ऐसा हो जाता है तो गरीब लोग भी इनको दुआ देंगे और जीवन भर के लिए इनकी कुर्सी पर बने रहने की गारंटी भी हो जाएगी तो आखिर क्यों नहीं यह काम मोदी जी करते हैं

गोविंद जयसवाल ने यह भी बताया कि ऐसा लगता है कोरोना के नाम पर अंतरराष्ट्रीय रूप से गरीब गुर्गे लोगों के साथ अत्याचार करने का कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र कई देशों के लोग मिलकर बनाए हैं आखिर यह कोरोनावायरस है क्या यह बहुत बड़ा सवाल है इस वायरस के वैक्सीन लेने के बावजूद भी लोग पीड़ित हो रहे हैं मर भी रहे हैं फिर लोगों के बीच भ्रम फैलाने के पीछे का रहस्य आखिर सरकार में बैठे लोग खोल क्यों नहीं पा रहे हैं मीडिया इन के हाथों का खिलौना है जब चाहे जैसा चाहे आंकड़े टीवी पर दिखाते रहते हैं और लोगों के मन में भय का माहौल पैदा करते रहते हैं आखिर सच्चाई को सामने लाने की कोशिश इस सरकार में बैठे लोग क्यों नहीं कर पा रहे हैं इस तरह के कई सवालों के बीच हम आम लोग जूझ रहे हैं सरकार के दिशा निर्देशों का पालन भी कर रहे हैं लेकिन कहीं न कहीं भीतर की आत्मा यह कह रही है कि हमारे साथ बहुत बड़ा धोखा हो रहा है ऐसे में सरकार को चाहिए की इन सब सवालों के जवाब जनता के बीच सरकार लेकर आए और पर्दे के पीछे होने वाले खेल को पारदर्शी बनाए ताकि आम लोगों के मन से दहशत का माहौल खत्म हो सके और लोग कोरोना से लड़ाई लड़ने के लिए चौबीसों घंटे तैयार मिले सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर लोग चलें सरकार द्वारा ऐसा माहौल पैदा किया गया है कि अपने लिए कुछ और वही आम लोगों के लिए कुछ और नियम बनाकर काम किया जा रहा है आम और खास में बहुत बड़ा अंतर पैदा कर दिया गया है ऐसा नहीं होना चाहिए यह न तो सरकार के लिए सही है ना ही आम लोगों के लिए

Share To:

Post A Comment: