पाली/ हरदोई ( अंकुश गुप्ता )।  सड़क पर आवागमन के बीच पेड़ काटने से एक महिला की जान पर बन आई। लकड़कट्टों द्वारा काटा जा रहा पेड़ अचानक तांगे से जा रही महिला के ऊपर आ गिरा, जिससे महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गई। आनन-फानन परिजनों ने उसे पाली पीएचसी में इलाज के लिए भर्ती कराया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। परिजनों की ओर से लकड़ी ठेकेदारों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस को मामले की तहरीर दी गई है, हालांकि खबर लिखे जाने तक पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी।
पचदेवरा थाना क्षेत्र के ग्राम बिल्सर हेलेन निवासी गजेंद्र सिंह की पत्नी सुषमा (40) अपनी ननद सीमा और एक 12 साल के बच्चे के साथ तांगे से पाली कस्बा आ रही थी, जैसे ही तांगा इस्माइलपुर गांव में पहुंचा, तो सड़क पर खड़े पेड़ों को काट रहे लकड़कट्टों की लापरवाही से पेड़ सुषमा के ऊपर आ गिरा। भारी भरकम पेड़ गिरने से सुषमा गंभीर रुप घायल हो गई। घटना की जानकारी परिजनों को लगते ही वह भी मौके पर पहुंच गए, और उन्होंने आनन-फानन घायल सुषमा को पाली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर आनंद कुमार शुक्ला ने प्राथमिक उपचार के बाद सुषमा की गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल हरदोई रेफर कर दिया। उधर आक्रोशित ग्रामीणों ने काटी जा रही लकड़ी को ले जाने के लिए आई ट्रैक्टर-ट्राली को कब्जे में ले लिया है। फिलहाल गजेंद्र सिंह ने पेड़ काट रहे लकड़ी ठेकेदार पाली के काजीसराय निवासी मुसम्मी और मंसूर के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। पाली थाने के कार्यवाहक थाना प्रभारी रामनिवास ने बताया कि जख्मी महिला को मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया गया है, और परिजनों की तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


● हरे पेड़ को काटने की इजाजत किसने दी

पाली, हरदोई। प्रदेश की योगी सरकार वृक्षारोपण अभियान के तहत प्रदेश स्तर पर पौधरोपण कर रही है। वहीं दूसरी ओर लकड़ी माफिया पुलिस एवं वन विभाग के अधिकारियों से सांठगांठ कर हरे पेड़ों पर दिनदहाड़े कुल्हाड़े चला रहे हैं। किसी प्रकार की कोई उंगली न उठा सके, इसके लिए बाकायदा लकड़ी माफियाओं को हरे पेड़ों का परमिट भी जारी कर दिया जाता है। परमिट के इस खेल की आड़ में हरे भरे फलदार वृक्षों को आए दिन जमीदोंज किया जा रहा है। रविवार को पाली थाने के इस्माइलपुर गांव में भी हरे पेड़ों को खुलेआम काटा जा रहा था, इन हरे भरे पेड़ों को काटने की इजाजत किसने दी, और अगर इन हरे भरे पेड़ों को काटने का परमिट लकड़ी ठेकेदारों के पास आया, तो यह परमिट किसने जारी किया। फिलहाल यह जांच का विषय है। योगी सरकार को इसे संज्ञान में लेकर लकड़ी माफियाओं से सांठगांठ कर धरती को रेगिस्तान बनाने में तुले ऐसे भ्रष्ट अफसरों पर कार्रवाई का चाबुक जरूर चलाना चाहिए।
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