(संवाददाता) चौधरी राकेश कुमार निर्मल की खास रिपोर्ट



सरेनी/रायबरेली 
सरेनी थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्थित बेनीमाधवगंज चौराहे से लेकर गांव के अंदर तक चोक पडी नालियों और जगह – जगह पर भरे गंदे पानी के जलभराव से लोगों का अपने घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। इस जलभराव के कारण लोग अपने घरों में कैद हो चुके हैं। ऐसे मामले में जनप्रतिनिधियों के चलते कभी भी हमारा भारत स्वच्छता अभियान सफल नहीं हो सकता है।जहां एक तरफ प्रदेश सरकार व राज्य सरकार स्वच्छ भारत अभियान का सपना साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है वहीं दूसरी तरफ बेनीमाधवगंज के प्रधान बसंत लाल यादव सरकार की मंशा को ठेंगा दिखाने में कोई कसर छोडते नहीं दिख रहे हैं।

ग्राम प्रधान व सचिव की मंशा के अनुरूप पूरे गांव में चोक पडी नालियों और पूरी तरह पटी हुई नालियों की वजह से सड़कों पर जगह-जगह गंदा पानी जमा रहता है जिसके चलते सड़कों पर लोगों का पैदल तक निकलना मुश्किल है। लंबे अरसे से चोक पडी नालियां और दूषित काला पानी जमा होने के कारण गांव में बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।जबकि ग्राम प्रधान का यह दायित्व होता है कि वह बरसात आने से पहले नालियों को पूर्णतया साफ करा दे व भविष्य में जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो उसका विकल्प ढूंढ कर ग्रामीणों की समस्या का समाधान कर समस्या से निजात दिलाये, लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा बारिश के पूर्व ऐसा नहीं कराया गया, जो ग्राम प्रधान के विकास कार्यों की बड़ी लापरवाही उजागर करता है। जहां उत्तर प्रदेश में सफाई अभियान और स्वच्छ वातावरण को लेकर यूपी के मुखिया उत्तर प्रदेश में हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन ग्राम प्रधान बिल्कुल इसके विपरीत इन अभियानों को अनदेखा कर गहरी नींद सो रहे हैं।ऐसे जनप्रतिनिधियों के चलते कभी भी हमारा भारत स्वच्छता अभियान में सफल नहीं हो सकता। जिला प्रशासन ऐसे लापरवाही बरतने वाले जनप्रतिनिधियों पर कब शिकंजा कसने का काम करेगा, यह एक सोचने वाली बात है।
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