रेलवे स्टेशनों पर गूंजने लगे छठ के गीत
विशेष रिपोर्ट
मांगीला हम वरदान हे गंगा मइया,
छठी माई के करब हम वरतिया
काँच ही बाँस के बहंगिया,
केलवा के पात पर उगेलन सुरुजदेव,
पहिले पहिल हम कईनी छठ के बरतिया
पटना के घाट पर हमहूँ अरगिया देहब हे छठी मैया,
कौने खेत जन्मल धान सुधान हो
जैसे प्रसिद्ध छठ पूजा के गीत 30 से अधिक रेलवे स्टेशनों की उद्घोषणा प्रणालियों से गूंज रहे हैं, जो न केवल यात्रियों के मन को छूने वाला अनुभव बन रहा है, बल्कि उन्हें बिहार की सोंधी संस्कृति से भी जोड़ रहा है। इस वर्ष भारतीय रेल ने छठ के इस अवसर को और भी खास बना दिया है। विशेषकर महिला यात्रियों को इन गीतों को गुनगुनाते हुए भी देखा जा सकता है। भारतीय रेल ने इस प्रकार का प्रयोग पहली बार किया है।
हर साल छठ पूजा के दौरान लाखों की संख्या में बिहार और उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग अपने घरों की ओर लौटते हैं। अपने परिवार संग छठ पूजा मनाने जाने वाले लोगों के लिए इस वर्ष भारतीय रेल ने 12000 से अधिक विशेष ट्रेनो तथा हजारों नियमित ट्रेनों के माध्यम से यात्रियों को उनके घर शहर पहुंचने का जिम्मा लिया है और सफलतापूर्वक अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करते हुए यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया है। लेकिन स्टेशनों पर स्टेशन उद्घोषणा प्रणाली के माध्यम से छठ के गीतों के साथ यात्रियों का स्वागत शायद पहली बार हो रहा है। यह कोशिश अपने आप में विशिष्ट है और दूर दराज से आने वाले यात्रियों को बिहार की सोंधी संस्कृति से जोड़ रही है।
कोलकाता नई दिल्ली, दिल्ली आनंद विहार आसनसोल गोरखपुर रांची, पटना, दानापुर, राजेंद्र नगर, पाटलिपुत्र आरा, बक्सर, हाजीपुर, सोनपुर मुजफ्फरपुर समस्तीपुर सहरसा, जमालपुर, मुंगेर, कटिहार, नरकटियागंज मोतिहारी 30 से अधिक रेलवे स्टेशनों पर छठ के गीत बजाए जा रहे हैं।
रेलवे इस प्रयोग से छठ पूजा के लिए जा रहे यात्री विशेष कर महिला यात्री खुशी व्यक्त कर रही हैं।
लोक आस्था का महान पर्व छठ लोकगीतों के बिना अधूरा है। छठ घाटों की ओर जाने वाली महिलाएं समूह में छठ के गीत गाते चलती हैं और छठी मैया से अपने, परिवार, समाज और देश के लिए आशीष मांगती हैं। दूर दराज से ट्रेन पड़कर आ रहे यात्रियों की ट्रेन जब उनके रेलवे स्टेशन पर पहुंची, तो यात्रियों को छठ के गीत सुनाई पड़ने लगे।



Post A Comment: