ब्राह्मण जीवन की 26 मर्यादाएं


रिपोर्ट- अनमोल कुमार/राजन मिश्रा 

1. A - AMRITVELA - अमृतवेला

अमृतवेला सुबह 04.00 से 04:45 बजे तक किसी भी स्थिति में, किसी भी परिस्थिति में, किसी भी स्थान पर मिस नहीं करना है। भले सेवा करते-करते समय सुबह के 03.00 भी बज जाएं, फिर भी अमृतवेला करके सोना है।

2. B - BRAHMCHARYA ब्रह्मचर्य 

किसी भी स्थान पर, किसी भी परिस्थिति में, किसी भी समय मन्सा, वाचा, कर्मणा, स्वप्न, संकल्प, संबंध, संपर्क में ब्रह्मचर्य खंडित ना हो।

ब्रह्मचर्य टूटने का सूक्ष्म कारण यूट्यूब पर वीडियो देखना, रिल्स, शॉर्ट्स, एडवर्टिजमेंट ऐसे अनेक छोटी-छोटी चीजें हैं, जो मन में घुस जाती है।

3. C - CENTRE ATMOSPHERE/ CLEANLINESS - सेंटर का वातावरण

 सेंटर के वातावरण को दूषित नहीं करना है। इधर-उधर की बातें नहीं करनी है। जैसे क्रिकेट की बातें हैं, घर की बातें हैं, पॉलिटिक्स की बातें हैं, ऐसे अनेक प्रकार की बातें नहीं करनी है।

4. D- DRESS CODE ड्रेस

ड्रेस पारदर्शी वाली ना हो, प्रेरणादायक हो, टाइट ना हो, ऐसे कपड़े ना हो जिसमें शरीर के अंग दिखाई दें, ढीले हो, ट्रांसपेरेंट न हो, भड़कीले ना हो, आकर्षण करने वाले ना हो। हो सके एकदम सिंपल व्हाइट और लाइट कपड़े हो। संस्कृति के अनुरूप हों।

5. E- EXCHANGE OF MONEY IN CENTRE पैसों की लेन देन ना हो

केंद्र पर किसी से पैसों की लेन देन नहीं करनी है। सेवा के लिए करना अलग बात है।

6. F- FOOD - भोजन

प्याज, लहसुन, बाहर का भोजन नहीं खाना है, मशीन की चीजें। सात्विक आहार को लेना है, फलों को खाना है। सीजन के फल जितना खा सकते हो खाना है।

 7. G- GIVING HAPPINESS /GOOD WISHES/BLESSINGS देना

दुआएं देनी है,शुभकामनाएँ देनी है, शुभ भावनाएं देनी है।

8. H- HOLY COMPANY/ SATSANG सत्संग 

सत्संग के लिए रोज सेंटर जाना पड़ेगा, परमात्मा सत्य के व सत्य ज्ञान के संग में रहना पड़ेगा,  ब्राह्मणों का संग करना पड़ेगा, पवित्र आत्माओं का संग करना पड़ेगा, ब्राह्मण आत्माओं में भी तीव्र पुरुषार्थ करने वालों का संग करना है, ढीले पुरुषार्थियों का संग नहीं करना है।

9. I - INCULCATION OF DIVINE VIRTUES -दिव्य गुणों की धारणा

हर एक को दिव्य गुणों को धारण करना है।

10. J- JOURNEY TO MADHUBAN मधुबन आना

मधुबन में आने के लिए किसी भी सेंटर से हो, केंद्र की आज्ञा से ही आना है।

11. K- KEEPING CHART चार्ट रखना

अपना रोज का बाबा को याद करने का, अपनी दिनचर्या का चार्ट रखना है।

12. L- LOVE FOR ONE BABA एक बाबा से प्रेम 

परमात्मा शिव बाबा के अतिरिक्त और दूसरे से कोई प्यार नहीं करना है अर्थात मेरा तो एक शिव बाबा दूसरा ना कोई।

13. M- MURLI CLASS मुरली क्लास 

रोज सेंटर पर जाकर ही मुरली सुनना है, घर में, ट्रेन में, ऑफिस में, कर्म क्षेत्र पर मुरली सुनना मान्य नहीं है।

14. N- NO KI LIST

Smoking, Alcohol, Drugs, Gambling, Corruption etc. दारू नहीं पीना है, जुआ नहीं खेलना है, बीड़ी, सिगरेट नहीं पीना है, लॉटरी नहीं खरीदना है, शेयर मार्केटिंग नहीं करनी है .... ऐसे अनेक *नहीं* की लिस्ट बनानी है।

15. O-OBSERVING ALL PRINCIPLES/ SHRIMAT of BRAHMIN LIFE EVERYDAY

बाबा की रोज की मुरली से जो श्रीमत मिलती है, उसका उसी दिन पालन करना है। दूसरे दिन की दूसरी श्रीमत आ जाएगी।

16. P- PRINTING LITERATURES* किताब छपवाना 

कई भाई बहनें बिना केंद्र के भाई बहनों से पूछे अपनी किताबें बनाकर छपा देते हैं, अपनी किताबें बनाकर फिर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय का नाम देते हैं। अपनी मनमत मिक्स कर देते हैं। जो भी लिटरेचर है, जो भी सेंटर के इंचार्ज हैं उनसे परमिशन लेनी है उसके बाद ही कोई भी लिटरेचर, किताब छपवाना है। कोई प्रोग्राम की पैम्‌फ़्लट्‌, इनविटेशन कार्ड भी प्रिंट कराते हो, वह भी बाबा के घर से कंफर्म कराना है।

17. Q - QUALITY OF TRUSTEESHIP

मैं ट्रस्टी हूं, घर गृहस्थ व्यवहार में रहते हुए, मैं ट्रस्टी हूं, मेरा कुछ भी नहीं है। *ट्रस्टी* अर्थात बोझ मुक्त होगा, निमित्त होगा, अटैचमेंट नहीं होगा, समर्पण भाव होगा।RESPONSIBLE जिम्मेदार -  ट्रस्टी होने के बाद भी मैं इस कार्य के लिए जिम्मेदार हूं, रिस्पांसिबल हूं क्योंकि यह कार्य भगवान ने मुझे दिया है। मालकीयत का भाव नहीं होगा, ओनरशिप फ्री होगा। मुझे सिर्फ संभालने के लिए दिया है। जो ट्रस्टी होगा, वह विनम्र होगा

18. R- RELATIONSHIP संबंध 

हमने जो संबंध बनाये हैं वह भाई बहन के ही रखने हैं। माता-पिता या स्पेशल भाई बहन के संबंध नहीं बनाने हैं। संबंध डिटैच वाले होंगे, तुम उधर और हम इधर बीच में झील जैसा डिस्टेंस रखना है।

19. S  -SILENCE/SOLITUDE 

आध्यात्मिकता हमें अंतर्मुखी बनाता है। सेवा के क्षेत्र में बाह्यमुखता रहता है, ज्यादातर बाह्यमुखता रहता है, इसलिए बीच-बीच में अंतर्मुखी रहने का अभ्यास करना है। हफ्ते में, एक दिन, महीना में या हर दिन 2 घंटे साइलेंस का चार्ट बनाना है।

20. T -TRAFFIC CONTROL ट्रैफिक कंट्रोल

ट्रैफिक कंट्रोल का जो टाइम फिक्स है, उस समय में भी करना है, आगे पीछे भी कर सकते हो, अगर कहीं दिनचर्या में बिजी हो तो आगे पीछे करना है। बॉडी के साथ-साथ मन के संकल्पों को शांत करना है। 1 मिनट में A to Z मर्यादाओं को याद कर लेना है।

21. U -USING TIME/MONEY/RESOURCES METICULOUSLY  

यज्ञ का भोजन, समय, पैसा आदि कुछ भी बर्बाद नहीं करना है। बिजली, पंखा, लाइट आदि फालतू नहीं चलाना है।

22. V -VISITING OTHER CENTRE 

दूसरे सेंटर पर जाने से पहले अपने पहले सेंटर से पत्र लेकर जाना है, दूसरे सेंटर को सूचना देकर जाना है। जो पत्र दिया जाता है उसको स्वयं नहीं पढना है। केंद्र की दीदी फोन करें या मेल करें तब दूसरे सेंटर पर जाना है।

23. W -WASH (Complete Bath) AFTER BOWEL MOVEMENT

पेट साफ/fresh होने के बाद स्नान करना है।

24. X -XRAY EVERY DAY

 रोज स्वयं की चेकिंग करनी है। सुबह और शाम को व रात को सोने से पहले स्वयं की चेकिंग करनी है।

25. Y -YOGA TWICE A DAY

हम अमृतवेला व नुमाशाम योग करते है, यह ऑफिशियल टाइम है। इसके बाद जितना भी आप योग करना चाहें कर सकते हैं। 

26. Z-ZEAL IN GYDS

ज्ञान, योग, धारणा, सेवा में उमंग उत्साह रखना है।

धर्मराज का दंड - स्थिति गिर जाना ही दंड है।

खुशी का गुम हो जाना ही दंड है।

मुरली में इंटरेस्ट खत्म हो जाना ही दंड है।

संसार का आकर्षण बढ़ जाना ही दंड है।

शरीर का आकर्षण बढ़ जाना ही दंड है।

व्यर्थ आ जाना ही दंड है

नेगेटिव आ जाना ही दंड है।

मार्ग से भटक जाना ही दंड है।

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