लोकतंत्र में आस्था पर चुनाव आयोग ने नहीं दिया ध्यान 





गणेश पांडे,24 अप्रैल 2021

29 सितंबर को बिहार के 48 प्रखंडों में पंचायती चुनाव होने है। इस तिथि को चुनाव निर्धारित करते समय चुनाव आयोग,राजनीतिक संगठनों,एवम सरकार द्वारा इस दिन हिन्दू त्यौहार होने का संज्ञान नही लिया गया।विदित हो कि उस दिन बिहार का एक बड़ा त्यौहार "ज्युत्पुत्रिका "है ।उस दिन सभी औरते निर्जला व्रत में रहती है। ऐसे में उनका मतदान करने जाना लगभग असंभव है।यदि ऐसा हुवा तो क्या मतदान को शत प्रतिशत सही माना जाएगा।यदि औरतो की संख्या प्रतिशतः नदारद रही तो चुनावों के परिणाम भी सम्भावनाओ के विपरीत आ सकते है। तो क्या ये लोकतन्त्र के साथ खिलवाड़ नही है। बड़ा सवाल की क्या औरतों का अनुमानतः मतदान नकारात्मक रहा तो क्या चुनाव आयोग के नज़रों में यह चुनाव सही होगा सरकार,राजनीतिक संगठनों,चुनावी प्रत्याशियों, एवम आम जनता के लिए सोचनीय है
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