राजभाषा में काम करना सहज है और संवैधानिक दायित्व भी-नरेश प्रसाद

राजन मिश्रा/गणेश पांडे 
29 अप्रैल 2019 

हाजीपुर- राजभाषा में काम करना सहज है और संवैधानिक दायित्व भी,प्रत्येक दृष्टिकोण से हिंदी एक समृद्ध भाषा है और इसका शब्दकोश भी काफी विशाल है । हिंदी में पर्याप्त मात्रा में तकनीकी शब्द भी मौजूद हैं.  जहां कहीं भी नए शब्दों की जरूरत हो तो दूसरी भाषाओं के शब्दों का प्रयोग भी राजकाज की भाषा में किया जा सकता है ताकि भाषा की संप्रेषण क्षमता बनी रहे । पूर्व मध्य रेल राजभाषा विभाग द्वारा मुक्तिबोध हिंदी पुस्तकालय में आयोजित राजभाषा कार्यशाला में उपस्थित भंडार विभाग के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री नरेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि आसानी से समझ में आने वाले शब्दों के प्रयोग करने से सबको सुगमता होती है और भाषा का प्रभाव भी बना रहता है । सभी कर्मचारियों को अधिक से अधिक काम हिंदी में करने का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि साहित्यिक और संस्कृतनिष्ठ शब्दों की अपनी महत्ता है लेकिन प्रशासनिक क्रियाकलापों में सहज शब्दों का प्रयोग ही किया जाना चाहिए । राजभाषा में काम करने को गर्व की बात बताते हुए उन्होंने कहा कि फ्रांस,तुर्की और जापान जैसे देशों के लोग अपनी भाषा पर गर्व करते हैं और अधिक से अधिक काम अपने ही भाषा में करते हैं । सभी भारतवासियों को भी अपनी राजभाषा हिंदी में काम करना चाहिए । उन्होंने कहा कि ग्लोबल टेंडर जैसे मामलों में कुछ कार्य अंग्रेजी में करने की बाध्यता हो सकती है. लेकिन विभिन्न फाइलों की नोटिंग आदि हिंदी में करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है ।
इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक और लोक गायक भरत सिंह भारती ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शब्दों के प्रचलित रूपों को अंगीकार करने में कोई परेशानी नहीं है । रेलवे, रेडियो, इलेक्ट्रॉन , प्रोटॉन, पुलिस, रेस्तरां, डीलक्स जैसे शब्द दूसरी भाषाओं से आए हैं लेकिन हिंदी में स्वीकार कर लिए गए हैं।संविधान में मान्य 22 भाषाओं की शब्दावली तथा लोक भाषाओं की शब्दावली को भी हिंदी में समाहितकर के हिंदी को मजबूत किया जा सकता है । उप मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री पीके दास ने कहा कि संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए हिंदी भाषा के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा के प्रयोग की अनुमति दी गई है लेकिन क्षेत्र के कार्यालयों में शत प्रतिशत कार्य हिंदी में किए जाने चाहिए । राजभाषा अधिकारीअशोक श्रीवास्तव ने कार्यशाला में बताया कि हिंदी का प्रयोग संवैधानिक अपरिहार्यता है । रेलवे बोर्ड केनिर्देशों का पालन हम सबकी सामूहिक जवाबदेही है ।कार्यक्रम का संचालन करते हुए उप मुख्य राजभाषा अधिकारी दिलीप कुमार ने कहा कि पूर्व मध्य रेल के राजभाषा विभाग द्वारा कर्मचारियों की सुविधा के लिए राजभाषा दिग्दर्शिका प्रकाशित की गई है जिसकी मदद से कर्मचारी बड़ी ही आसानी से हिंदी में काम कर सकते हैं । कार्यशाला के संचालन में राजकिशोर राजन की मुख्य भूमिका रही । इस अवसर पर प्रमोद कुमार, विरेंद्र सिंह, अरविंद कुमार, अनिल कुमार,देवेंद्र सिंह, गिरानी माझी, राजेश कुमार,सतेंद्र कुमार, सत्य प्रकाश चौधरी, शराफत हुसैन आदि मौजूद रहे ।

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