भाषा को सरल-सुगम बनाना आज की आवश्यकता --श्री नीरज कुमार


राजन मिश्रा 
हाजीपुर-16.04.2019

जीवन में सीखने की कोई उम्र नहीं होती और सहजता प्राप्त करने के लिए हमें जीवन भर सीखना पड़ेगा । भाषा भी उसी प्रकार कुछ वर्ष या कुछ दिनों में सीखने की वस्तु नहीं है, हमें उसे  आजीवन सीखना होगा । यह उद्गार श्री नीरज कुमार, सचिव/प्रमुख मुख्य इंजीनियर ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में व्यक्त किया । मौका था राजभाषा विभाग द्वारा आज मुख्यालय/हाजीपुर में इंजीनियरी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए हिंदी कार्यशाला का आयोजन. उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा देश की एकता को एक सूत्र में बाँधने की एक महत्वपूर्ण कड़ी है साथ ही सर्वाधिक लोगों द्वारा बोली और समझी जाने वाली भाषा है । उनका कहना था कि वैश्विक स्तर परहिंदी की स्वीकार्यता बढ़ती जा रही है । उन्होंने राजभाषा विभाग के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि दक्षिण भारत के तमिलनाडु आदि राज्यों में हिंदी के प्रचार-प्रसार में इनकी बड़ी भूमिका है । उन्होंने
अपने वक्तव्य में कहा कि आज भाषा को सरल-सुगम बनाने की आवश्यकता है । जिस प्रकार अंग्रेजी भाषा में नए-नए शब्दों को लिया जा रहा है उसी प्रकार हिंदी में भी अधिकाधिक नए शब्दों का प्रयोग होना चाहिए । उन्होंने उपस्थित रेलकर्मियों से नए-नए शब्दों को सीखने और उनका प्रयोग करने को कहा.
इस अवसर पर उप मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता श्री दिलीप कुमार ने कहा कि पढ़ने की आदत दुनिया की सबसे अच्छी आदत है । उनका कहना था कि भाषा का ज्ञान होना ही पर्याप्त नहीं है, अपितु उसका प्रयोग नहीं किया जाता ।वैसी स्थिति में भाषा का ज्ञान निर्रथक है । उनका कहना था कि संसार का कोई भी क्षेत्र सिर्फ चर्चा करने, सलाह देने और सेमिनार आदि करने से परिवर्तन नहीं लाया जा सकता, जब तक कि आप अपने जीवन में उसका पालन नहीं करते और दृष्टांत प्रस्तुत नहीं करते । इस कार्यशाला में इंजीनियरी विभाग के कई और अधिकारियों ने भाषा के महत्व और उसके प्रयोग पर अपने अनुभवों को साझा किया । इनमें उप मुख्य इंजीनियर श्री अशोक कुमार एवं श्री मुरारी लाल प्रमुख थे । राजभाषा विभाग की तरफ से श्री वीरेन्द्र सिंह, श्री प्रमोद कुमार, श्री राजकिशोर राजन ने भी भाषा के विविध पक्षों से उपस्थित रेलकर्मियों को अवगत कराया ।
इस कार्यशाला का समापन राजभाषा अधिकारी श्री अशोक कुमार श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन
से हुआ ।

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