ईश्वर को भोग लगाकर खाने का महत्व

प्रस्तुति - अनमोल कुमार/राजन मिश्रा 

ईश्वर को भोग लगाकर फिर ग्रहण करना यह उनका आदर करना है

• भोग लगाकर खाने से अन्न मे सकारात्मक ऊर्जा भर जाती है

• भोग लगाकर खाने से हमारे भंडारे 21 जन्म के लिये भरपूर हो जाते है

• भोग बनाने वाले का अर्थात, भोग के लिये अपना तन, मन और धन का सहयोग देने वाले का भाग्य बन जाता है

• भोग लगाने वाले का भी पुण्य जमा होता है तो भोग खाने वाले का सबसे ज्यादा पुण्य जमा होता हैं

• घर में सुख शान्ति के 𝚅𝙸𝙱𝚁𝙰𝚃𝙸𝙾𝙽𝚂 फ़ैलते है क्योंकि भोग स्वीकार करने वाले का तन और मन दोनों शुद्ध और पवित्र होते होते है

• भगवान की दृष्टी भोग के थाली पर पडती है, उससे अन्न में बहुत शक्ती भर जाती हैं

• भोग स्वीकार करने से मन का परिवर्तन सहज हो जाता हैं

• हम जिस संकल्प से ईश्वर को भोग लगाते हैं वो संकल्प को पूरा करने की शक्ती ईश्वर हमे देता है

• अन्न के एक एक कण आत्मा रूपी बॅटरी को चार्ज करता है

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