बक्सर शहर में स्थित जवाहर मध्य विद्यालय सरकारी उपेक्षा का शिकार


कई वर्षों से जिला में अस्तित्व बनाए इस पुराने विद्यालय के प्रति सरकार नहीं है उदार, भवन निर्माण द्वारा गुणवत्ता विहीन कार्य कराए जाने के कारण ढह चुका है विद्यालय का बाउंड्री वही नगर पालिका की कृपा से विद्यालय के चारों ओर लगे हैं कचरे के अंबार, बच्चे तो बच्चे विद्यालय के शिक्षक भी पड रहे बीमार


प्रतिदिन जनप्रतिनिधियों सहित पदाधिकारियों का भी आना जाना होता है इस रास्ते से बावजूद इसके अभी तक नहीं हो पा रहा है विद्यालय का कल्याण


बच्चों की इस गंभीर समस्या को सरकार तक ले जाने का प्रयास मेरे द्वारा किया जाएगा यह बहुत शर्मनाक है कि शहर के बीचोबीच स्थित इस विद्यालय पर किसी का ध्यान नहीं जाता है -भरत मिश्रा, राज्य सलाहकार समिति सदस्य जदयू

राजन मिश्रा / संजय पाठक

25 अगस्त 2021

बक्सर शहर के बीचो-बीच आदर्श नगर थाने के बगल में स्थित जीप स्टैंड के बगल में बने जवाहर मध्य विद्यालय इन दिनों अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ते नजर आ रहा है इस विद्यालय में शिक्षकों, शिक्षिकाओं सहित सभी कर्मचारियों को सरकार द्वारा वेतन देकर जिले में शिक्षा की व्यवस्था सुदृढ़ करने की व्यवस्था तो कर दी गई है लेकिन इस विद्यालय का भवन बनने के कुछ दिन बाद ही धीरे-धीरे जर्जर सा होने लगा है गुणवत्ता विहीन कार्यों के होने के कारण इस विद्यालय के चारों तरफ का बाउंड्री वाल पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है प्रतिदिन यहां सूअरों का जमावड़ा देखने को मिलता है यहां के प्रधानाचार्य से बात करने पर पता चला कि इस संबंध में कई बार सरकार को अवगत करने की कोशिश की गई लेकिन कोई फायदा नजर नहीं आता


वहीं दूसरी तरफ नगरपालिका के लोगों द्वारा पूरे शहर का कचरा लाकर विद्यालय के इर्द-गिर्द भर दिया गया है जहां प्रतिदिन सूअरों का जमवाड़ा लगता है और इनसे गंभीर संक्रमण का खतरा विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों के साथ यहां पढ़ाने वाले शिक्षकों पर भी मंडरा रहा है

सूत्रों की माने तो इस विद्यालय में बच्चे आने से कतराने लगे हैं वही बच्चों के अभिभावक भी इस विद्यालय में अपने बच्चों को भेजने से परहेज कर रहे हैं जिसके पीछे यहां संक्रमण का खतरा होने के साथ-साथ सूअरों के काटने का भी खतरा उत्पन्न हो चुका है ऐसे में कौन अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने के नाम पर खतरे में डालेगा यह सोचने की बात है कई बार इस विद्यालय से संबंधित खबरें अखबारों में भी प्रकाशित की गई लेकिन यह खबरें सुर्खियां बन कर रह गई

गौरतलब हो कि इस रास्ते प्रतिदिन जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के आला अधिकारियों का आवागमन है बावजूद इसके ना किसी जनप्रतिनिधि द्वारा नाही प्रशासन के लोगों द्वारा इस विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए सोचा गया इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे प्रतिदिन संक्रमण का खतरा उठा रहे हैं वही इन में कार्यरत कर्मचारी भी किसी तरह अपने नौकरी को निर्वाह करने का कार्य करते नजर आ रहे हैं  और अपने परेशानियों को किसी से कह भी नहीं पाते, इस मामले पर जदयू के राज्य सलाहकार समिति के सदस्य भरत मिश्रा ने कहा कि बच्चों की इस गंभीर समस्या को सरकार तक ले जाने का प्रयास मेरे द्वारा किया जाएगा यह बहुत शर्मनाक है कि शहर के बीचोबीच स्थित इस विद्यालय पर किसी का ध्यान नहीं जाता है जनप्रतिनिधि और प्रशासन के लोग मूकदर्शक बने हुए हैं इस विद्यालय के समस्याओं को दूर करना को  अत्यंत आवश्यक है ताकि इसमें पढ़ने वाले बच्चों और पढ़ाने वाले शिक्षकों की परेशानी दूर हो सके

गौरतलब हो कि सरकार द्वारा तमाम तरीकों के दावे विकास को लेकर किए जाते हैं एक तरफ डिजिटल इंडिया बनाने की बात होती है वहीं दूसरी ओर शहर  के लोगों को मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पाती ऐसे में कहीं न कहीं सरकार फेल होती नजर आ रही है सरकार को चाहिए कि इस मामले पर संज्ञान लेते हुए शहर के इस विद्यालय की परेशानियों को शीघ्र अति शीघ्र दूर कर दिया जाए

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