भारतीय रेल ने सामाजिक सेवा प्रतिबद्धता के तहत 28 मार्च से अब तक 8.5 लाख से अधिक जरूरतमंद लोगों को पका भोजन वितरित किया


राजन मिश्रा
9अप्रैल 2020

हाजीपुर - इनमें से पांच लाख से अधिक भोजन के पैकेट आईआरसीटीसी की रसोई में तैयार किए गए हैं, जबकि करीब दो लाख पैकेट आरपीएफ अपने संसाधनों से उपलब्ध करा रहा है और 1.5 लाख भोजन के पैकेट गैर सरकारी संगठनों द्वारा दिए जा रहे हैं इनमें से अकेले आरपीएफ द्वारा लगभग 6 लाख भोजन के पैकेट वितरित किए जा रहे हैं; रेल और सरकार के अन्य विभाग तथा गैर-सरकारी संगठन भी वितरण गतिविधियों में योगदान कर रहे है
कोविड-19 के कारण शुरु हुए लॉकडाउन के बाद से भारतीय रेल अपनी सामाजिक सेवा प्रतिबद्धता के तहत जरूरतमंदों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने का काम भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की रसोइयों, आरपीएफ के संसाधनों तथा गैर सरकारी संगठनों के योगदान के माध्यम से जारी रखे हुए है।भोजन के पैकेटों के साथ ही कागज के प्लेट भी वितरित किए जाते हैं।भोजन का वितरण गरीबों, निराश्रितों, भिखारियों, बच्चों, कुलियों, प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए व्यक्तियों और जो कोई भी रेलवे स्टेशनों पर या उसके आस पास अथवा ​​रेलवे स्टेशनों से कुछ दूरी पर भोजन की तलाश में आता है, किया जा रहा है।

यह काम, रेल एवं वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के सुझाव पर किया जा रहा है। श्री गोयल ने कहा था कि रेलवे को जरूरतमंद लोगों को भोजन और अन्य सहायता प्रदान करने के अपने प्रयासों को रेलवे स्टेशनों के बाहर भी विस्तार देना चाहिए और इसके लिए जिला अधिकारियों ओर गैर सरकारी संगठनों से परामर्श करना चाहिए।

भोजन का वितरण, आरपीएफ, जीआरपी, रेलवे के क्षेत्रीय वाणिज्यिक विभागों, राज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से किया जा रहा है। जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन वितरित करते समय, सामाजिक दूरी और स्वच्छता के नियम का पालन किया जा रहा है। संबंधित ज़ोन और डिवीजन के जीएम और डीआरएम, स्टेशन के आस-पास के क्षेत्र के बाहर भी जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध  कराने के ​इस प्रयास को विस्तार देने के लिए आईआरसीटीसी अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं।

भारतीय रेल, 28 मार्च, 2020 से अब तक, नई दिल्ली बेंगलूरू, हुबली, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद, भुसावल, हावड़ा, पटना, गया, रांची, कटिहार, पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर, बालासोर, विजयवाड़ा, खुर्दा, काटपाडी, तिरुचिरापल्ली, धनबाद, गुवाहाटी,  समस्तीपुर, प्रयागराज, इटारसी, विशाखापट्टनम, चेंगलपट्टू, पुणे, हाजीपुर, रायपुर और टाटा नगर स्थित आईआरसीटीसी के बेस किचन के सक्रिय सहयोग से गरीबों और जरूरतमंदों को 8.5 लाख से अधिक भोजन के पैकेट वितरित कर चुकी है। इसमें आरपीएफ, गैर सरकारी संगठनों तथा अन्य सरकारी विभागों ने भी सहयोग दिया है।

आईआरसीटीसी द्वारा अब तक 6 लाख से अधिक पके भोजन के पैकेटे दिए गए हैं। आरपीएफ ने स्वयं के संसाधनों से लगभग 2  लाख ऐसे पैकेट दिए हैं, जबकि रेलवे के साथ जुड़े स्वयंसेवी संगठनों द्वारा लगभग 1.5 लाख भोजन के पैकेट दान किए गए हैं।रेलवे सुरक्षा बल ने गैर सरकारी संगठनों,  आईआरसीटीसी और स्वयं अपनी रसोई में  तैयार भोजन के वितरण में  प्रमुख भूमिका निभाई है 28 मार्च 2020 से 74 स्थानों पर 5419 जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन के वितरण के साथ शुरू किया गया भारतीय रेल का यह काम प्रतिदिन बढ़ रहा है। 8 अप्रैल 2020 तक आरपीएफ की ओर से 313 स्थानों पर लगभग 6 लाख भोजन के पैकेट जररतमंदों में बांटे जा चुके थे। भारतीय रेल का यह अभियान अब बढ़ते हुए 1 लाख लोगों तक पहुंच चुका है।

आईआरसीटीसी ने पीएम केयर्स कोष में 20 करोड़ रुपये भी दान दिए हैं। इसमें से 1.5 करोड़ रुपये 2019-20 के कार्पोरेट सामाजिक दायित्व कोष से, 6.5 करोड़ रुपये 2020-21 सीएसआर कोष से  और बाकी 12 करोड़ रूपए दान के रूप में मिले पैसों से दिए गए हैं।

कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए भारती रेल लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। इसके लिए उसके खाद्यान्न और अन्य कच्चे माल का पर्याप्त मात्रा मे व्यवस्था है
इन तमाम तथ्यों की जानकारी मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी राजेश कुमार द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दी गई
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