पूर्व मध्य रेल के हाजीपुर में राजभाषा पखवाड़ा का शुभारंभ , सतर्कता विभाग द्वाराप्रकाशित “सतर्कता संकलन” का विमोचन 
 


राजन मिश्रा
हाजीपुर 04 सितंबर 2019


पूर्व मध्य रेल के मुख्यालय/हाजीपुर में राजभाषा पखवाड़ा-2019 का महाप्रबंधक श्री एल. सी. त्रिवेदी द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर विधिवत् शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक श्री अरूण कुमार शर्मा सहित आमंत्रित अतिथियों व रेल के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी माल्यार्पण किया. अपने अध्यक्षीय संबोधन में श्री त्रिवेदी ने कहा कि भारत में विभिन्नता में एकता है और जिस प्रकार रेल पूरे देश को भौगोलिक रूप से एक सूत्र में पिरोती है उसी प्रकार राजभाषा हिंदी सांस्कृतिक रूप से एक सूत्र में जोड़ती है. उन्होंने अपने कई संस्मरणों को साझा करते हुए बताया कि आज दक्षिण भारत सहित विभिन्न स्थानों में हिंदी न सिर्फ रोजगार की भाषा बन रही है, अपितु वह बाजार की भाषा भी बन रही है. राजभाषा विभाग द्वारा प्रकाशित“वैशाली” पत्रिका के अंक-19 एवं सतर्कता विभाग द्वाराप्रकाशित “सतर्कता संकलन” का विमोचन महाप्रबंधक महोदय द्वारा इस अवसर पर किया गया.क्षेत्रीय राजभाषा प्रतियोगिताओं में सफल प्रतिभागियों को महाप्रबंधक द्वारा पुरस्कृत किया गया. राजभाषा पखवाड़ा उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण “राष्ट्रीय एकता के वाहक : भारतीय रेल और राजभाषा हिंदी” विषय पर विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया. इस गोष्ठी में अतिथि वक्ता के रूप में श्री सत्यनारायण, डॉ. संजय पंकज, डॉ. भावना शेखर ने अपने विचार व्यक्त किए. प्रख्यात गीतकार सत्यनारायण ने हरिवंशराय बच्चन से जुड़े संस्मरण सुनाये. साथ ही कुंवर नारायण की एक कविता के बहाने हिंदी साहित्य और भाषा के संबंध में प्रकारांतर से अपनी बाते रखीं. उनका कहना था कि लोकप्रियता से बड़ी है जनप्रियता और हिंदी जनप्रिय भाषा है, परंतु हमें सभी भाषाओं को बराबर सम्मान और आदर देना चाहिए. श्री सत्यनारायण ने अपने वक्तव्य में कहा कि जिस प्रकार अंग्रेजों द्वारा इस देश में अंग्रेजी भाषा थोपी गई थी, उस प्रकार हिंदी थोपी नहीं जानी चाहिए, चूँकि हिंदी जनभाषा है और स्वाभाविक रूप से इसे सभी स्वीकार करेंगे.
डॉ. संजय पंकज ने कहा कि हिंदी भारत के राष्ट्रीय आंदोलन की भाषा है. अंग्रेजों के विरूद्ध हिंदी भारतवासियों के बीच माध्यम बनी. सांस्कृतिक रूप से हिंदी ने हमेशा देश को जोड़ा है. भारत में 1.5 प्रतिशत से अधिक लोग अंग्रेजी नहीं बोलते है. संसार में अधिकांश लोग हिंदी सीख रहे हैं, क्योंकि यह प्रेम की भाषा है, स्वाभिमान की भाषा है. रेल के माध्यम से शहर-शहर, गाँव-गाँव हिंदी का प्रचार होता है. हिंदी और रेल दोनों राष्ट्रीय एकता में नींव की ईंट केरूप में कार्य करती हैं. देश की आजादी में हिंदी का महत्वपूर्ण स्थान है. उन्होंने हिंदी के ऐतिहासिक विकास के संदर्भ में उल्लेख किया कि हिंदी की ज्यादा सेवा हिंदीतर भाषियों ने की है. रेलवे के स्लीपर और जनरल डब्बे में ही असली भारत दिखता है. डॉ. भावना शेखर ने अपने वक्तव्य में कहा कि राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ बनाने का कार्य करती है हिंदी. उन्होंने कहा कि हिंदी दक्षिण भारत को छोड़कर सभी भारतीय भाषाओं से मिलती है. हिंदी स्वतंत्रता संग्राम की भाषा है, जिसने अपने गीतों-नारों से जनसाधारण में राष्ट्रप्रेम की
भावना भर दी है. आजकल मीडिया में हिंदी का प्रयोग निरंतर बढ़ रहा है. हिंदी को रोजगार और सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ा जाना चाहिए. हिंदी के माध्यम से रेल जन-जन से जुड़ा है. संस्कृति, कला और परंपरा के माध्यम से रेल पूरे देश को संपन्न भी करता है. रेल के हर डिब्बे में एक छोटा भारत होता है. हिंदी हमारे भारत माँ की बिंदी है. मौके पर बोलते हुए अपर महाप्रबंधक श्री अरूण कुमार शर्मा ने कहा कि पूर्व मध्य रेल हिंदी भाषी क्षेत्र में है. अत: राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए हमारा दायित्व सर्वाधिक है. उनका कहना था कि भारतीय रेल और राजभाषा हिंदी एक-दूसरे से गहरे जुड़े हुए हैं. उन्होंने आगत वक्ताओं का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने कई प्रेरणादायक बातें कही हैं और हम उनसे लाभान्वित हुए हैं.
इस अवसर पर मुख्य राजभाषा अधिकारी श्री एन. पी. सिन्हा ने महाप्रबंधक सहितआगत अतिथियों और अधिकारियों का स्वागत करते हुए राजभाषा पखवाड़ा-2019 के आयोजन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. साथ ही उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों से राजभाषा पखवाड़ा कार्यक्रम में अपनी सहभागिता देने का आह्वान किया. उल्लेखनीय है कि आज से प्रारंभ हुआ राजभाषा पखवाड़ा 15 दिनों तक चलेगा. इस दौरान हिंदी निबंध, वाक्, टिप्पण व प्रारूप लेखन एवं अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए राजभाषा क्विज जैसे प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. इसकेअलावा क्षेत्रीय रेल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक, हास्य कवि सम्मेलन सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, हिंदी में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों को पुरस्कार वितरण के साथ समापन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
आज के कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्री दिलीप कुमार, उप मुख्य राजभाषा अधिकारी सह उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/पीएस ने 17 सितंबर 2019 तक चलने वाले कार्यक्रमों को सफल और सार्थक बनाने में अपना महत्पवूर्ण योगदान दें. उन्होंने महाप्रबंधक के कुशल नेतृत्व में पूर्व मध्य रल और राजभाषा के क्षेत्र में हुए अभूतपूर्व कार्यों और सफलताओं का उल्लेख किया. कार्यक्रम का समापन वरि. राजभाषा अधिकारी श्री अशोक कुमार श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ.इन तमाम तथ्यों की जानकारी मुख्य जनसम्पर्क पदाधिकारी राजेश कुमार द्वारा उपलब्ध कराई गई 


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