बक्सर के चौसा में फर्जी कॉलेज हो रहा  संचालित
 



केवल कागजी खानापूर्ति ओं के माध्यम से ही चलाए जाते कॉलेज 

राजन मिश्रा 
17 अप्रैल 2019 

बक्सर- शिक्षा विभाग की लापरवाही व शिक्षा विभाग के माफियाओं को छूट देने की वजह से बिहार में कई तरीकों के फर्जी कॉलेजों का संचालन हो रहा है बताया जाता है कि बहुत से विद्यालय केवल कागजी खानापूर्ति ओं के माध्यम से ही चलाए जाते हैं बच्चों की संख्या उसमें दिखा तो दी जाती है लेकिन उसमें पढ़ाई नाम का कोई चीज होता ही नहीं है, ऐसे में भी इस को संचालित करने का आदेश भी सरकार द्वारा दे  दिया जाता है जिस में धड़ल्ले से नामांकन और परीक्षाओं की व्यवस्था भी  संचालकों द्वारा की जाती है लेकिन सही मायने में इन विद्यालयों का कोई अस्तित्व धरातल पर है ही नहीं। इसी तरह के एक मामले में बक्सर के चौसा प्रखंड अंतर्गत आने वाले खिलाफत पुर गांव में विक्रमादित्य गीता मिश्र नाम से चल रहे इंटर कॉलेज का संचालन किया जा रहा है 
सूत्रों की मानें तो इस इंटर कॉलेज के नाम पर धड़ल्ले से नामांकन और पढ़ाई करने के बाद परीक्षा की भी व्यवस्था यहाँ  के संचालकों द्वारा कराई जाती है जबकि इस विद्यालय में न तो कोई अपना भवन है और ना ही कोई शिक्षक है लेकिन फर्जी भवन दिखाते हुए सरकार द्वारा इसका मान्यता भी ले लिया गया है जो कहीं ना कहीं सरकारी कर्मचारियों पर सवालिया निशान खड़ी करती नजर आ रही है. बताया जाता है कि इस कॉलेज का स्थापना वर्ष  2012-13 में किया गया है और इसका कोड संख्या 14041 है और इसे विभाग द्वारा मान्यता भी मिल चुका है जिसमें शिक्षकों की नियुक्ति भी फर्जी तरीके से की गई है जिसकी जांच कराने को ले खिलाफत पुर के ग्रामीणों द्वारा कई जगह पर आवेदन देते हुए इसके जांच की मांग की गई है ताकि बच्चों का भविष्य और अधर  में ना रहे परंतु सरकारी तंत्र द्वारा किसी भी प्रकार का जांच अभी तक बताया नहीं गया है ग्रामीणों द्वारा अप्रैल माह में भी कई लोगों का हस्ताक्षर बनाते हुए जिलाधिकारी को भी इस बात से अवगत कराया गया था बावजूद इसके इस कॉलेज के संचालक पर कोई कार्रवाई अभी तक नहीं हो सकी है जिससे ग्रामीणों में आक्रोश भी है और कहीं न कहीं यह भी साबित होते नजर आ रहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में पैदा हुए माफियाओं पर किसी भी प्रकार का शिकंजा नहीं कसा जा पा रहा है जो बहुत ही शर्मसार है और बच्चों के भविष्य के लिए भी उतना ही खतरनाक है. शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को चाहिए कि जल्द से जल्द इस फर्जी कॉलेज पर कार्रवाई करते हुए इसके संचालक पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई कराने की व्यवस्था बनानी चाहिए नहीं तो आने वाले दिनों में अब लोगों का विश्वास शिक्षा और शिक्षण से कम होने लगेगा 
गौरतलब हो कि इस मामले पर कई बार  अखबारों में भी पत्रकारों द्वारा लिखा गया लेकिन उसका भी कोई असर सरकार के लोगों पर नहीं दिखा, इस तरह की अनदेखी लोगों में आक्रोश पैदा करते नजर आ रही है,वही बच्चो के जीवन से ये माफिआ लगातार खिलवाड़ कर अपना बैंक बैलेंस बनाते जा है 
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