प्रधानमंत्री आवास योजना . .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ आवास योजना के तहत गरीब ग्रामीणों को सन 2022 तक खुद के घर का सपना दिखा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इस योजना का लाभ लेने के लिए ग्रामीणों को पंचायत वालों के दाढ़ी से हाथ लगाना पढ़ रहा है।
सीहोर जिले के इछावर तहसील की एक पंचायत है भाऊँखेड़ी जहाँ सरकार ने 94 आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित किए थे महिनों गुजर जाने बाद इसमे से अब तक नौ ही लोगों के आवास बनकर तैयार हो सके 11 मे निर्माण कार्य जारी है बाकी 74 ग्रामीणों को अपने अपने आवास निर्माण की महिनों से प्रतिक्षा है।
ग्रामीण बताते हैं कि वे कच्चे मकान मे निवासरत थे और जैसे ही सरकार ने उक्त योजना के लागू किये जाने की घोषणा की, हमारी बाँछे खिल उठीं और हम अपने पक्के मकान का सपना पूर्ण होने की बाट जोहने लगे लेकिन पंचायत वालों की कार्य पद्धति के चलते हमारा सपना महज सपना बनकर ही रह गया।
ग्राम भाऊँखेड़ी के नवीन पुत्र ब्रज सेन बताते हैं कि महिनों गुजर जाने के बाद भी आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पंचायत कार्यालय के चक्कर काट काटकर थक चुके हैं सेकेट्री ताराचंद कहता है कि बाद मे मिलना आवास की बात एकांत मे करेंगे। हमे अब तक समझ मे नहीं आया कि एकांत मे बुलाकर सचिव क्या बात करना चाहता है अनुमान है कि शायद पैसे-धैले की बात करना चाहता हो!!
इछावर ब्लाक की ग्राम पंचायत सोहनखेड़ा मे भी प्रधानमंत्री मंत्री आवास योजना के तहत बंदर बाट होने के समाचार हैं , वहाँ पर अपात्रों को आवास आवंटित कर दिये गए और पात्र ग्रामीण अब भी जैसे-तैसे जीवनयापन करने को बाध्य हैं । 70 वर्षीय लीलाबाई बेवा गोपालसिंह बताती हैं कि उन्हें अपने जीवनकाल के दौरान कभी भी किसी भी अावास योजना का लाभ नहीं मिला चाहे वह मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कुटीर हो या चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान हो, अलबत्ता गांव के ऐसे लोगों को जरुर आवास आवंटित कर दिये गए जिनके पास पहले से ही मकान बना हुआ था। लीलाबाई बताती हैं कि सोहनखेड़ा गांव के ही एक परिवार के हरिप्रसाद,रुपसिंह,धरमसिंह एंव भवंरीबाई,उर्जनसिंह,भगवानसिंह तथा उसके पुत्र को आवास आवंटित कर दिये गए जबकि इनमें से उर्जनसिंह , भगवानसिंह को दो बार यानि मुख्यमंत्री एंव प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया गया।
सोहनखेड़ा निवासी तीन सगे भाई मुकेश/रातीराम,सुरेश/रातीराम/रातीराम बताते हैं कि पंचायत ने हमे आवास तो उपलब्ध कराया लेकिन अंतिम किश्त के 15-15 हज़ार रुपये मजदूरी के अबतक नहीं दिये जिसमें कुछ कार्य अब भी अधूरा है इस संबंध मे पंचायत वालों से कहा गया तोे वे एक ही बात करते हैं कि जल्दी ही पैसा बैंक खाते मे डल जाएगा।
दूसरी तरफ पंचायत सचिव कहते हैं कि प्रधानमंत्री आवास के तहत निर्माण को लेकर पूरी पारदर्शिता बरती जा रही किश्तों की बकाया राशि हितग्राहियो के खाते मे डाल दी गई है ।
वहीं भाऊँखेड़ी पंचायत के सचिव का कहना है कि किसी से भी मेने एकांत मे मिलने की बात नहीं की है जो भी लगा रहा है मेरे ऊपर गलत आरोप लगा रहा है।
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