पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में इस पर क्या होंगे कांटे की टक्कर और जोरदार चाचा भतीजी का मुकाबला


रिपोर्ट - अनमोल कुमार/राजन मिश्रा 

पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में इस बार क्या होंगे कांटे की टक्कर और जोरदार चाचा-  भतीजी मे मुकाबला?भीष्ण गर्मी के साथ साथ  धीरे धीरे राजनीति गलियारों मे कई तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है। 1 जून की तारीख जैसे जैसे आगे बढ़ती जा रहा है वैसे वैसे  राजनीतिक की  बुखार की तरह राजनीतिक पारे भीष्ण गर्मी की थपेड़े की तरह काफी बढ़ा रही है पहले और दूसरे चरण की लोकसभा चुनाव के बाद कई तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है। एनडीए के और इंडिया गठबंधन के कार्यकर्ताओं के बीच जोड़ घटाव का दौर चल रहा है सभी अपने-अपने गठबंधनों को जीत के दावे ठोक रहे हैं एक तरफ राजद  गठबंधन के छोटे बड़े कार्यकर्ताओ और नेताओं का कहना है कि इंडिया गठबंधन दोनों चरणों के में हुए मतदान के रुझान के बाद पूरी तरह से एनडीए गठबंधन का सफाई करने जा रही है लगभग सभी सीटों पर जीत के दावे ठोके जा रहे हैं तो दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन के छोटे बड़े नेताओं और राजनीति कार्यकर्ताओं की भी अपनी अलग तरह के दावे हैं वे लोग भी NDA गठबंधन को बीते दोनों चरण के हुए मतदान से आ रहे रुझान के बाद  बड़े पैमाने पर जीत के दावे कर रहे है। 


          बीते दोनों चरणों में हुए लोकसभा चुनाव चुनाव के बाद आ रहे आंतरिक रुझानों से राजद  गठबंधन के नेताओं के हौसले बुलंद है। इंडिया  गठबंधन के राजद प्रत्याशी राज्यसभा सांसद डॉ मिसा भारती भी अपने अपने कार्यकर्ता हूं और समर्थकों के साथ जोरदार प्रचार अभियान में जुटी हुई है। जोरदार प्रचार एवम जन सम्पर्क  अभियानमें जुटे कई राजद  के वरिष्ठ  कार्यकर्ताओं ने अपने को काफी आगे बढ़त बनाए हुए बता रहे हैं। तो दूसरी तरफ NDA गटबंधन के भाजपा प्रत्याशी वर्तमान सांसद रामकृपाल यादव को इस बार कड़े चुनौती देने की बात कहते है।  वही वर्तमान  सांसद रामकृपाल यादव को भी काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि लगातार दो बार से जीते आ रहे हैं, उनकी लोकप्रियता की भी काफी परख होगी? लोकसभा  चुनाव को तीसरी बार जितना कम चुनौती नही होगा?  क्योंकि तीसरी बार चुनाव जितना भी अपने आप मे चुनौती ही होती हैं, लोगो की अपेक्षाएं भी बड़ी होती हैं, वर्तमान सांसद से लोगो की कई तरह की अपेक्षाएं के साथ साथ उपेक्षाए भी जुड़ी रहती है। उससे पार पाना भी कम जोखिम भरा काम नही होता है? उनकी कार्यो की मूल्यांकन भी लोग करेंगे। वैसे NDA गठबंधन की भी  अपनी भी जीत के बड़े  दावे है मोदी सरकार और  मोदी मैजिक की उम्मीदें से राम के सहारे राम की नैया पार होने की उम्मीदें है। 

            वैसे जो कुछ भी हो बात पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र का आखिरी चरण में 1 जून को मतदान होने वाले हैं इसकी वजह से दोनों गठबंधन के कार्यकर्ताओं को पर्याप्त समय चुनाव प्रचार प्रसार के लिए मिल रहे हैं ।लेकिन  चुनाव प्रचार अभियान पहले दौर के चल रहे इस प्रारंभिक प्रचार प्रसार अभियान में खास करके पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में राजद गटबंधन  बढ़त बनाए हुए हैं कार्यकर्ताओं के बीच काफी उत्साह है तो दूसरी तरफ एनडीए गठबंधन के बीच में अभी तक कोई बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार के अभियान की तस्वीरें सामने नहीं आ  रही है जिसे अनुमान लगाया जा सकता है की मनोवैज्ञानिक तौर पर राजद के प्रत्याशी  ड़ा मिसा भारती  अभी बढ़त बनाई हुई है। जैसे जैसे समय बीतेगा राजनीतिक सर्गर्मिया बढ़ेगी, उतार चढ़ाव की दौर भी आते जाते रहेंगे। हर दिन समीकरण बने बिगड़ेगे, देखना होगा की आखिर मे बाजी किसके हाथ लगती है यह तो वक्त बताएगा। लेकिन इतना तय है की राजनीतिक घमाशान के साथ जीत के अपने अपने दावे प्रति दावे आरोप प्रत्यारोप का दौर भी खूब चलेगा। 

       दोनों गठबंधनों के बीच मतदाताओं भी कम  जांच परख नहीं करेंगे?  राजद और भाजपा गठबंधन दोनों अपने पारम्परिक मतदाताओं की बहुमत की दावे अपनी ओर कर रहे है लेकिन जो बीच के मतदाता है वह जिस तरफ जाएंगे उसकी उसकी पलड़ा भारी होगी यही परिणाम को प्रभावित भी करेंगे, वे सोच समझ कर जिस तरफ जायेंगे उसकी जीत की सम्भावना  निश्चित होगी। 

        वैसे यह भजन बड़ा ऐसे समय मे मन को बहुत सकूँ और तसली देती हैं  ।

।। मेरा राम जी करेंगे बेडा पार उदासी मन काहे को डरे रे।।

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