पीड़ित परिवारों को दिया जाए 5- 5 लाख का मुआवजा , शराबबंदी एक ढोंग- अनिल कुमार चौधरी


रिपोर्ट -अनमोल कुमार / अरविंद पाठक

बक्सर : बिहार में शराब बंदी पूरी तरह से असफल है। मनकी गांव में हुई घटना पूरी तरह से जहरीली शराब के सेवन का परिणाम है पर प्रशासन इसे दबाना चाहता है। बिहार में शराब बिक्री एक संगठित व्यापार का रूप ले चुका है और इसमें शासन और प्रशासन पूरी तरह से लिप्त हैं। सरकार की मिलीभगत का खामियाजा आम जन मानस और युवा पीढ़ी को झेलना पड़ रहा है। उक्त बातें सोमवार को बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश प्रभारी अनिल कुमार ने बसपा के बक्सर कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा।

उन्होंने कहा कि प्रशासन पूरी तरह सरकार के नियंत्रण में कार्य कर रहा है जिससे देश और प्रदेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है। मैं खुद पीड़ित परिवारों से मिला, ग्रामीणों ने बताया की ये मौतें जहरीली शराब पीने से हुई है तब भी प्रशासन ने पोस्टमार्टम कराने की जहमत नहीं उठाई। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की है और ये पोस्टमार्टम इसलिए नहीं कराया गया ताकि सच बाहर न आ जाए। उन्होंने कहा कि हम आखिर बक्सर को तड़पते हुए कब तक देखेंगे और कैसे देख सकते है? उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल करते हुए कहा कि क्या बक्सर प्रशासन आपके गिरफ्त में है? वो जो चाहेंगे वही फैसला करेंगे? उन्होंने कहा कि हम बिहार के लोग अपने युवा भाइयों को कब तक खोते रहेंगे? एक गलत शराब बंदी नीति के वजह से बिहार के लोग मर रहे हैं और सरकार कह रही है कि शराब से मौतें नही हो रही है।

अनिल कुमार ने कहा कि इसमें सरकार की मिलीभगत है और सरकार से सांठ - गांठ करके हीं एक भी व्यक्ति के शव को पोस्टमार्टम नहीं कराने दिया गया और शव का दाह संस्कार कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी मिलीभगत है क्योंकि प्रशासन हीं नही पूरी सरकार इस शराब प्रकरण में नंगी हो जायेगी। इस सरकार में बैठे कौन लोग है जो शराब बिकवाने का काम करते है और बिकवाकर जनता की बर्बाद करने का काम करते हैं। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवारों को 5- 5 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश महासचिव संजय मंडल, अभिमन्यु सिंह कुशवाहा, जिला अध्यक्ष सुभाष गौतम इत्यादि मौजूद थे।

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