दानापुर मंडल में दोहरी मार झेल रहे रेलवे में कार्यरत टीटीई


रेलवे को राजस्व देने और टिकट वसूली के दौरान उठा रहे हैं फजीहत

कलम की फिसलन की सजा ऑडिट के दौरान दे दी जाती है वही टिकट चेकिंग के दौरान सुरक्षा नहीं मिलने के कारण जनता की मार भी झेल रहे टीटीई 

राजन मिश्रा, 2 मार्च 2024

पटना- दानापुर मंडल मे कार्यरत टीटीई इन दिनों दोहरी मार का शिकार लगातार हो रहे है एक तरफ रेलवे के दिए टारगेट को पूरा करने के लिए दिनों रात मेहनत करके टीटीई रेलवे को राजस्व पहुंचाते हैं इस कार्य में इन लोगों को चलती ट्रेन में तथा प्लेटफार्म पर लोगों का टिकट बनाना पड़ता है भीड़-भाड़ के दौरान टिकट बनाने के क्रम में इन लोगों से कभी कदार चूक भी हो जाती है जिसकी सजा ऑडिट करने वाले लोगों द्वारा इनको दे दी जाती है जिसमें इनके कमाये रूपए से इसकी भरपाई करनी होती है जिसमें उनकी कोई गलती नहीं होती क्योंकि चलती ट्रेन में कभी-कभी कलम फिसल जाता है भीड़ में लोग आते-जाते रहते हैं और टिकट बनाने के दौरान इनसे टकराने के बाद कुछ गलतियां ईएफटी बनाने के समय अनजाने में हो जाती है जो ऑडिट के दौरान सजा का कारण बनती है, जिसमें इन लोगों की अपनी कमाई से भरपाई करनी होती है वहीं दूसरी तरफ टिकट पूछने के क्रम में मनबढंत किस्म के लोगों से इनका सामना भी होते रहता है और आए दिन ऐसे लोगों से इनकी टकराहट हो जाती है. इसमें भी इन्हीं का नुकसान होता है बीते शुक्रवार को यह चरितार्थ होते हुए नजर आई पटना जंक्शन के दो नंबर प्लेटफार्म पर उप टिकट निरीक्षक देवेश कुमार सिंह को एक मनबढंत यात्री द्वारा घायल करते हुए लहू लुहान कर दिया गया देवेश कुमार सिंह बख्तियारपुर के रेलवे प्लेटफार्म पर कार्यरत हैं और टिकट चेकिंग के दौरान अपने नौ कर्मचारियों के साथ पटना जंक्शन पहुंचे थे ऐसे में यह घटना हुई. सूत्रों की माने तो चेकिंग करते समय टीटीई सुरक्षा का किसी भी प्रकार की व्यवस्था रेल प्रशासन द्वारा नहीं की जाती है जिसका उदाहरण सामने है ऐसे में रेल महाप्रबंधक को संज्ञान लेते हुए दोहरी मार झेल रहे कर्मचारियों के लिए पुख्ता व्यवस्था करना होगा वही छोटी-मोटी गलतियों के लिए सजा का प्रावधान सीमित करना होगा ताकि निर्बाध रूप से रेलवे को राजस्व जाता रहे क्योंकि डर के साए में जिस तरह से जीवन को जिया जा सकता है लेकिन जीवन का आनंद नहीं लिया जा सकता इस तरीके से डर के साए में टारगेट को ही पूरा किया जा सकता है टारगेट से बढ़कर कोई काम करना नहीं पसंद करेगा और ऐसी स्थिति में रेलवे के राजस्व को नुकसान पहुंचेगा इस स्थिति को रोकना आवश्यक है साथ ही कर्मचारियों की सुरक्षा का ध्यान भी रेल प्रशासन को देना होगा तभी जाकर राजस्व बढ़ेगा किसी को डराने के बजाय समझा कर ज्यादा काम निकाला जा सकता है यह रेलवे के लोगों को समझना होगा

Share To:

Post A Comment: