राजन मिश्रा , 26 जून 2023

आज दिनांक 26 जून 2023 को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर द्वारा अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ दुरुपयोग निवारण दिवस जिसे नशा मुक्ति दिवस के नाम से भी जाना जाता है पर एक शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बक्सर विवेक राय द्वारा अपने कार्यालय भवन विधिक सेवा सदन व्यवहार न्यायालय परिसर, बक्सर में अपराहन 1:30 बजे किया गया। मौके पर उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया नशे के चंगुल में फंसी हुई है। दुनिया का कोई भी ऐसा देश नहीं है जहां के लोगों को नशे कि लत नहीं लगी हो। भारत में तो स्थिति और भी बदतर हो रही है। यहां की बहुत बड़ी आबादी नशे की गिरफ्त में आ चुकी है। विशेषकर युवा वर्ग में बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति समाज व राष्ट्र के लिए एक बड़ी चिंता का विषय है। नशे की लत के कारण बहुत से नौजवानों का भविष्य बर्बाद हो चुका है। हमारे देश में नशा करने वाले युवा पीढ़ी के लोग अब चरस, हेरोइन, कोकीन,अफीम जैसा खतरनाक नशा करने लगे। देश भर में नशे का सामान बेचने वाले बड़े-बड़े नशा माफिया पनप गए हैं। जो स्कूलों, कॉलेजों में कम उम्र के नौजवानों को नशे का सामान बेचते हैं। घर से बाहर रहकर पढऩे वाले बहुत से छात्र इन नशा माफियाओं के चंगुल में फंसकर नशे की लत के शिकार हो जाते हैं। जब तक उनके घर वालों को असलियत का पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। नशीले पदार्थों के निवारण के लिए प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस मनाया जाता हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने एक प्रस्ताव में 7 दिसम्बर 1987 से इसे मनाने का निर्णय लिया था। इसका उद्देश्य लोगों को नशे की बुरी आदत से छुटकारा दिलाना तथा उन्हें नशे से होने वाले दुष्प्रभाव से बचाना हैं।यह अच्छी बात है कि इस दिन लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाता है। लोगों को सचेत किया जाता है, सावधान किया जाता है। मगर जब तक समाज व सरकार नशे को जड़ से समाप्त करने की दिशा में प्रभावी कार्यवाही नहीं करेगी तब तक नशे का व्यापार फैलता ही रहेगा। भारत में भी सरकार ने विभिन्न प्रकार के नशे के सामान की बिक्री पर रोक लगा रखी है। कई कानून भी बनाए हैं। मगर उन पर प्रभावी अमल नहीं हो पाता है। जिसके चलते खुलेआम नशे का कारोबार होता है। आज देश में कहीं से कोई भी व्यक्ति नशे का कोई भी सामान खरीद सकता है। उसे ना कोई रोकने वाला है ना कोई टोकने वाला है। नशे का सामान बेचने वाले सौदागर दिनों दिन धनवान होते जा रहे हैं। जिस कारण से उनका पुलिस व प्रशासन पर पूरा प्रभाव रहता है। जिसकी बदौलत वह शासन, प्रशासन से मिलकर सरेआम धड़ल्ले से अपना धंधा करते रहते हैं। नशे की प्रवृत्ति के खिलाफ हमारा समाज भी जागरुक नहीं है। इसी जागरूकता के लिए हम सभी आज यहां इकट्ठा हुए है। कहते हैं कि नशा हर अपराध की जड़ होता है। नशेड़ी व्यक्ति कोई भी बुरे से बुरा काम करने से नहीं झिझकता सकता है। अधिकांश अपराध नशे की धुन में ही किए जाते हैं। बढ़ते नशे के प्रचलन को रोकने के लिए हमें सरकार के भरोसे ही नहीं रहना होगा। इसके लिए हमें स्वयं भी प्रयास करने होंगे। हमें देखना होगा कि हमारे परिवार का कोई सदस्य तो नशे की तरफ नहीं जा रहा है। यदि ऐसा है तो हमें समय रहते उस को नियंत्रित करना होगा। यदि सभी लोग ऐसा करने लगेंगे तो धीरे-धीरे नशे की प्रवृत्ति कम होती चली जाएगी और एक समय ऐसा आएगा जब हमारा समाज, हमारा क्षेत्र, हमारा प्रदेश, हमारा देश नशा मुक्त बन सकेगा। इस अवसर पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रेमचंद वर्मा , अवर न्यायाधीश छिप्राचला अंजलि, संतोष कुमार प्रथम, साथ ही सभी न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित थे। मौके पर पैनल अधिवक्ता कुमार मानवेंद्र, राजेश कुमार, रिंकी कुमारी, आरती कुमारी, अखिलेश्वर कुमार दुबे, विधिक स्वयंसेवक शत्रुघ्न सिन्हा, सरोज कुमार चौबे, अशोक कुमार, अंजुम कुमार रावत, रुकैया आदि भी मौजूद रहें।

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