क्या असर होगा इस साल आने वाले तीन ग्रहण से

हिंदू मान्यताओं में ग्रहण का विशेष महत्व होता है

राजन मिश्रा 
30 अप्रैल 2020

इस साल तीन ग्रहण से दुनिया भर में होगी उथल-पुथल, भारत में कौन सा ग्रहण रहेगा प्रभावी

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार ग्रहण को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है. इस साल 2020 में कुल 6 ग्रहण लगने वाले हैं. जिसमे पहला ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है. वहीं आने वाले जून से जुलाई माह के बीच तीन बड़े ग्रहण लगने वाले हैं. कुछ ग्रहण भारत में दिखाई देंगे पर कुछ भारत में नहीं दिखकर अन्य देशों में दिखेंगे

इन दिनों कौन सा ग्रहण किस दिन आने वाला है

चंद्र ग्रहण (5 जून 2020) : 5 जून की रात 11 बजकर 15 मिनट से चंद्र ग्रहण लगने वाला है.जो रात 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा.यह उपच्छाया ग्रहण होगा.जिसका कोई सूतक काल नही मान्य होता है.इसे भारत में भी देखा जाएगा और भारत के साथ एशिया व यूरोप के कुछ अन्य देशों में भी देखने को मिलेगा.

सूर्य ग्रहण (21 जून 2020 ) : इस सूर्यग्रहण की शुरुआत सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर होगी जो दोपहर 2 बजकर 2 मिनट तक रहेगी.दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर यह सबसे अधिक प्रभावी होगा.इस ग्रहण को भारत समेत एशिया व दक्षिण पूर्व यूरोप में देखा जा सकेगा.

चंद्र ग्रहण (5 जुलाई 2020) : ये चंद्र ग्रहण इस साल 2020 का तीसरा चंद्र ग्रहण होगा. हालांकि इस चंद्रग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा.इस ग्रहण की शुरुआत सुबह 8 बजकर 37 मिनट पर होगी जो 11 बजकर 22 मिनट तक प्रभावी रहेगा. इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा              सकेगा. यह दक्षिण पूर्व यूरोप ,अमेरिका और अफ्रीका में देखा जा सकता है.
ग्रहण से पड़ने वाले प्रभाव :
भारत के ज्योतिषियों के अनुसार 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण काफी महत्वपूर्ण रहेगा. यह ग्रहण मिथुन राशि में होने जा रहा है और इस समय मंगल मीन राशि में रहकर सूर्य, बुध, चंद्रमा, और राहु को देखेंगे. इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग समझा जा रहा है. इसके साथ ही ग्रहण के ही समय शनि , गुरु, शुक्र और बुध वक्री चाल चल रहे होंगे यानी उल्टी चाल चलेंगे. जिससे पूरी दुनिया का माहौल नकारात्मक हो सकता है. इस समय इन तमाम कारणों से प्राकृतिक आपदा होने की संभावना जताई जा रही है. जिसके लिए सतर्क रहने की जरुरत है.

भारत में ग्रहण की मान्यता :भारत में ग्रहण को अशुभ माना जाता है. इस समय किसी भी शुभ कार्य को नहीं किया जाता है. कहा जाता है कि इस समय नकारात्मक शक्तियां प्रभावी रहती है. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर घर की साफ-सफाई होती है और वातावरण शुद्ध किया जाता है.
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