भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की जयंती के साथ अधिकारी क्विज प्रतियोगिता का आयोजन

राजन मिश्रा/ गणेश पांडे
हाजीपुर
09.09.2019

पूर्व मध्य रेल मुख्यालय, हाजीपुर में दि. 04.09.2019 से 17.09.2019 तक चलने वाले राजभाषा पखवाड़ा-2019 के आयोजन के क्रम में आज दि. 09.09.2019 को अधिकारी क्विज प्रतियोगिता का आयोजन संपन्न हुआ. इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की जयंती मनाई गई. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री एन. पी. सिन्हा, मुख्य राजभाषा अधिकारी सह प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक ने  भारतेन्दु हरिशचन्द्र की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया. उन्होंने बताया कि भारतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म 9 सितंबर 1850 को काशी के एक प्रतिष्ठित वैश्य परिवार में हुआ । उनके पिता गोपालचंद्र एक अच्छे कवि थे और गिरधरदास उपनाम से कविता लिखा करते थे । भारतेन्दु का कृतित्व साक्ष्य है कि उनकी आँखें एक बार खुलीं तो बन्द नहीं हुईं । हरिश्चंद्र पाँच वर्ष के थे तो माता की मृत्यु और दस वर्ष के थे तो पिता की मृत्यु हो गयी । इस प्रकार बचपन में ही माता-पिता के सुख से वंचित हो गये । संवेदनशील व्यक्ति के नाते उनमें स्वतन्त्र रूप से देखने-सोचने-समझने की आदत का विकास होने लगा । पढ़ाई की विषय-वस्तु और पद्धति से उनका मन उखड़ता रहा । भारत दुर्दशा, अंधेर नगरी आदि उनके प्रसिद्ध नाटक थे. भारतेन्दु ने स्वाध्याय से संस्कृत] मराठी] बंगला] गुजराती] पंजाबी] उर्दू भाषाएँ सीख लीं। कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्री दिलीप कुमार, उप मुख्य राजभाषा अधिकारी सह उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/पीएस ने भारतेन्दु को याद कर उनकी प्रसिद्ध पंक्तियों में से “सेत-सेत सब एकसे, जहाँ कपूर कपास, ऐसे देस कुदेस में, कबहु न कीजै बास....... लोभ पाप का मूल है, लोभ गिरावत मान, लोभ कभी नहीं कीजिए, यामें नरक निदान ...... सुनाईं. उन्होंने बताया कि भारतेन्दु हरिश्चन्द बंगाल में समृद्ध साहित्य से प्रेरित होकर हिंदी साहित्य को छोटी सी उम्र में अपना बड़ा योगदान दिया. उनको काव्य-प्रतिभा अपने पिता से विरासत के रूप में मिली थी ।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अधिकारी क्विज प्रतियोगिता का आयोजना संपन्न हुआ.  इस प्रतियोगिता में विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री एन. पी. सिन्हा, मुख्य राजभाषा अधिकारी सह प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दी और अधिकारियों को अपना अधिकांश कार्य हिंदी में करने को कहा. उनका कहना था कि हिंदी में कार्य करना न सिर्फ हमारा कर्तव्य है, बल्कि राष्ट्रीय दायित्व भी है. श्री सिन्हा ने कहा कि छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं का सामना करके ही हम वास्तविक जीवन में विजेता बनते हैं, इसलिए सभी को यथासंभव प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना चाहिए.
गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता में कुल 06 पुरस्कार हैं : प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं प्रेरणा के 03 (तीन). राजभाषा विभाग द्वारा राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार हेतु विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन समय-समय पर किया जाता है. इससे कार्यालय में हिंदी में कार्य करने की प्रवृत्ति बढ़ती है. आज की प्रतियोगिता में प्रशासन व परिचालन विभाग के संयुक्त टीम में श्री दिनेश सिंह, उप सचिव/सामान्य, श्री नंद कुमार वर्मा, सहायक परिचालन प्रबंधक/सवारी को प्रथम स्थान, भंडार विभाग के श्री दिलीप कुमार सिन्हा, सचिव/प्रमुसाप्र, श्री संजय कुमार वर्मा, वरि. सामग्री प्रबंधक को द्वितीय स्थान एवं यांत्रिक विभाग के श्री शशिकांत निराला, पीएस-1, श्री एस. पी. श्रीवास्तव, वरि. यांत्रिक इंजीनियर/कोचिंग को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ, जबकि विद्युत, इंजीनियरी एवं लेखा विभागों को प्रेरणा पुरस्कार प्राप्त हुआ. दि. 17.09.2019 को राजभाषा पखवाड़ा समापन समारोह में सफल प्रतिभागियों को महाप्रबंधक महोदय द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा.
कार्यक्रम का संचालन उप मुख्य राजभाषा अधिकारी सह उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/पीएस, श्री दिलीप कुमार ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन वरि. राजभाषा अधिकारी, श्री अशोक कुमार श्रीवास्तव ने किया.

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