परेशान ग्रामीण 
भाऊँखेड़ी: नहर मे पानी नहीं मिलने से दुखित किसान श्यामलाल नेता-अधिकारियों को कोसता हुआ!

सफाई से पहले नहर मे छोड़ा पानी, तीन गांवों के हजारों किसान परेशान,जिले के बड़े जलाशयों मे शुमार कांकरखेड़ा जलाशय,किसानों ने कहा कोई समस्या सुनने तैयार नहीं 


राजेश बनासिया,  भाऊँखेड़ी


किसानों को रबी की फसल पैदा करने मे पसीना आ रहा है क्योंकि क्षेत्र मे इस वर्ष अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है कुएं एंव नलकूप लगातार सूखते जा रहे हैं ज्यादातर किसान अब सिंचाई के लिए तालाबों से छोड़ी जाने वाली नहर पर आश्रित बचे हैं लेकिन वर्तमान मे उन्हें नहरों से भी पानी नहीं मिल पा रहा है क्योंकि जल संसाधन विभाग उनकी सफाई तक नहीं कर पाया है। चौकाने वाली बात तो यह है कि कांकरखेड़ा तालाब की नहर किसान खुद अपने श्रमदान से साफ कर रहे थे लेकिन इस नहर मे सफाई के पूरी होने के पहले ही जलसंसाधन विभाग ने पानी छोड़ दिया जिसका नतीजा यह निकला कि किसानों के खेतों तक पानी पहुंच ही नहीं पा रहा है।नहर मे विद्युत मोटरें एंव डीज़ल पंपसेट कसे हुए हैं किसान सिंचाई के लिए तैयार हैं लेकिन नहर से पानी नहीं मिल पा रहा है।

                चंदरसिंह निवासी भाऊंखेड़ी

 कांकरखेड़ा जलाशय की गिनती इछावर तहसील के दमदार तालाबों मे की जाती है इस तालाब से ग्राम भाऊँखेड़ी,लसूड़ियाराम एंव कांकरखेड़ा के हजारों  किसान लाभान्वित होते हैं।

राहुल वर्मा 
भाऊँखेड़ी निवासी भोलाराम वर्मा,चन्दरसिंह,राहुल वर्मा,संतोष चंद्रवंशी,रामस्वरूप वर्मा,जगदीश प्रसाद,श्यामलाल वर्मा,दीनदयाल,संतोष धनगर आदि ने बताया कि जल संसाधन विभाग द्वारा नहर की सफाई नहीं की गई तो ग्रामीण खुद सफाई मे जुट गए थे सफाई कार्य जारी था इसी बीच विभाग द्वारा आठ नवंबर को नहर मे पानी छोड़ दिया गया जिससे नहर मे कीचड़ ही कीचड़ हो गया। किसान सिंचाई के लिए बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं किसान श्यामलाल वर्मा कहते हैं कि भाऊँखेड़ी को धाकड जनप्रतिनिधियों के गृहग्राम के रुप मे जाना जाता है यहाँ के निवासी पूर्व राजस्व मंत्री करणसिंह वर्मा  राधाकिशन वर्मा,विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं करणसिंह वर्मा तो भाजपा के टिकट पर इसबार भी चुनाव लड़ रहे हैं इसके अलावा बाबूलाल वर्मा जनपद उपाध्यक्ष रह चुके हैं लेकिन बावजूद इसके ग्रामीण सिंचाई,विद्युत की समस्या से गुजर रहे हैं। कई बार नेताओं से भी गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला। जलसंसाधन विभाग वाले भी नहर मे पानी तब छौड़ते हैं जब लाईट नहीं रहती हजारों किसान सिंचाई के लिए विभाग एंव नेताओं का मूंह ताक रहे हैं यदि नहर की सफाई नहीं की गई, समय रहते पानी नहीं छोड़ा गया और लाईट नहीं दी गई तो तीन गांव के हजारों किसनों का अरबों रुपयों का नुकसान हो जाएगा जिसकी भरपाई कौन करेगा।
जलसंसाधन विभाग के कर्मचारी कहते हैं कि विभाग के पास इस साल सफाई के लिए फंड नहीं आया हम नहर की सफाई कैसे करें ! सबसे बड़ी बात यह है कि विभाग के अधिकारी मुख्यालय पर नहीं रहते।
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