आओ करें फ्रेंडशिप इंग्लिश से : डॉ बीरबल झा
रिपोर्ट -अनमोल कुमार/राजन मिश्रा
पटना - अंग्रेजी कम्यूनिकेशन स्किल के लिए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान ब्रिटिश लिंगुआ के तत्वावधान में रविवार को 'विश्व बंधुत्व' विषयक पर एक शानदार परिचर्चा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 'मित्रता दिवस ' के उपलक्ष्य में आयोजित था , जहाँ छात्र - छात्राओं ने बढ़- चढ़कर भाग लिया । ब्रिटिश लिंग्वा के बच्चे नाचते एवं झूमते दिखाई दिए ।
परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए जाने-माने लेखक एवं सोशल ऑन्ट्रप्रनर डॉ. बीरबल झा ने कहा, “आइए, एक-दूसरे से दोस्ती करें। यदि आप आज किसी के मित्र नहीं हैं, तो कल आपका मित्र कौन होगा? आइए, दोस्त बनाएं, दुश्मन नहीं। ख़ुशियाँ मित्र से आती है , न कि दुश्मन से । शत्रुता की जगह मित्रता होनी चाहिए। अपने दोस्तों के साथ लड़ाई करना कभी भी उचित नहीं है। आइए, हम एक ऐसे समाज का निर्माण करें जिसमें परपीड़क या क्रूर आनंद के लिए कोई जगह न हो। मित्र को परिभाषित करते हुए डॉ बीरबल ने आगे कहा कि मित्र वह है जिसे आप जानते हैं, पसंद करते हैं और जिसके साथ आप समय बिताना चाहते हैं, अपनी भावनाओं, संवेदनाओं को साझा करना चाहते हैं, और जो हर सुख-दुःख में आपके साथ खड़ा हो, आपको अच्छे काम के लिए प्रोत्साहित करता रहे और आपको कुछ गलत करने से रोके ।
साथ ही डॉ झा ने कहा कि एक अच्छा दोस्त वही है जो ईमानदार राय दे सके, उसकी आँखे एक दर्पण के रूप में हो जहाँ अपना चेहरा अपने आप देख सके । जो शत्रुता, घृणा, द्वेष, वैमनस्यता रखे, वह मित्र कदापि नहीं हो सकता । इसलिए, यदि आपको मित्र की तलाश है तो मित्र आप बन के दिखाएँ । शत्रु न बनें और न ही बनाएँ। आइए, एक दूसरे को गले लगाएं।
कृष्ण-सुदामा की गाथा की व्याख्या करते हुए डॉ बीरबल ने बड़े ही सहज अंदाज में कहा कि कोई भी दोस्ती की सीख भगवान कृष्ण से ले सकता है। हालाँकि आज के युग में, हर जगह एक मौसमी दोस्त मिल जाते हैं , जबकि एक अच्छा दोस्त ढूंढना बेहद मुश्किल है, जिसका सहयोग अच्छे या बुरे समय के बावजूद निरंतर बना रहे।
एक अंग्रेजी कहावत का हवाला देते हुए डॉ बीरबल ने आगे कहा कि मित्र वही जो ज़रूरत के वक़्त काम आये। दोस्त की असली तस्वीर ज़रूरत के समय में ही सामने आती है। यह खुला रहस्य है कि जब पेड़ गिरता है तो बंदर तितर-बितर हो जाते हैं। लेकिन जिग्गरी दोस्त प्यार, स्नेह और आपसी समझ का बंधन रखते हुए एक साथ रहते हैं ।
अपने समापन भाषण में ब्रिटिश लिंग्वा के प्रबंध निदेशक डॉ बीरबल झा ने कहा कि स्वस्थ मित्रता बनाए रखने के लिए आपसी लेन-देन एवं हिसाब-किताब को निर्धारित समय के बीच ही कर कर लेना चाहिए। इन दो बातों को नहीं भूलना चाहिए कि झूठा दोस्त खुले दुश्मन से भी बदतर होता है। साथ ही आपका सबसे बड़ा दुश्मन कभी अजनबी नहीं होता।
इस अवसर पर डॉ बीरबल द्वारा रचित ब्रिटिश लिंग्वा थीम सांग 'आओ करें फ्रेंडशिप इंग्लिश से ब्रिटिश लिंग्वा में' गाने पर पर प्रतिभागी खूब थिरके एवं लुत्फ़ उठाये ।
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