युवा परिवर्तन के सूत्रधार है - प्रेम कुमार


रिपोर्ट -अनमोल कुमार/दीपक चौबे 

पटना- प्रेम यूथ फाउंडेशन और एनजीओ हेल्पलाइन के संयुक्त तत्वावधान में प्रेस वार्ता आयोजित किया गया जिसे प्रेम यूथ फाउंडेशन के संस्थापक गांधीवादी प्रेम जी ने कहा कि भारत में युवा पीढ़ी सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने और वैश्विक जुड़ाव को आगे बढ़ाने में अधिक से अधिक प्रभावशाली हो रही है। वे सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों से काफी प्रभावित हैं। वे अपनी सामूहिक आवाज को बुलंद करने के लिए सोशल मीडिया और जमीनी स्तर के आंदोलनों का उपयोग कर रहे हैं। सामाजिक सरोकारों के प्रति उनका जुनून समावेशिता को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक मानदंडों को बदलने की शक्ति रखता है। देश और दुनिया के भविष्य को बदलने की भारतीय युवाओं की शक्ति निर्विवाद रूप से अपार है। उनकी ऊर्जा, रचनात्मकता और जुनून का उपयोग करके, देश चुनौतियों का मुकाबला कर सकता है और विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक नेता के रूप में सामने आ सकता है। समाज, सरकार और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यह जरूरी है कि वे युवाओं को आगे बढ़ने के लिए आवश्यक समर्थन और मंच प्रदान करें, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल और अधिक टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित हो सके। अब समय आ गया है कि भारत अपनी युवा आबादी की पूरी क्षमता का उपयोग करे और वैश्विक नेता बनने की दिशा में एक रास्ता तैयार करे।

उन्होंने ने कहा कि युवा निडर, बहादुर, तेजतर्रार, गतिशील और आत्मविश्वासी होते हैं। युवाओं के पास एक बेहतर दुनिया को आकार देने के लिए विचार, रचनात्मकता और महान ऊर्जा है। युवा आशा से भरे होते हैं और नवाचार और कल्पना के माध्यम से, वे समस्या समाधानकर्ता होते हैं और उनमें दुनिया में सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने की बड़ी क्षमता होती है।

इस अवसर पर उपस्थित एनजीओ हेल्पलाइन के संस्थापक निदेशक सीए संजय कुमार झा ने कहा कि युवा राष्ट्र की प्रगति और सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के धारित विकास लक्ष्य (एसडीजी) में अधिकांश युवाओं पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, उन्हें एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय जनसांख्यिकी के रूप में पहचाना जाता है और उनमें निवेश की आवश्यकता को हाइलाइट किया है। भारत के पास 35 वर्ष से कम आयु की दुनिया की सबसे बड़ी युवा जनसंख्या है, जो 66 प्रतिशत है । आंकड़ों में कमी की अनुमानित के बावजूद, भारत 2030 में अपने युवा आयु समूह में 24 प्रतिशत जनसंख्या के साथ एक तुलनात्मक रूप से 'युवा' देश बना रहेगा। कई यूरोपीय देश, संयुक्त राज्य और चीन भी एक बूढ़े जनसंख्या और युवा में कमी की दोहरी समस्याओं के साथ निपट रहे हैं, तो भारत अपने युवा जनसंख्या को कैसे परिपालित करता है, यह उसकी भविष्य की वृद्धि दिशा का निर्धारण करेगा।

सीए झा ने कहा कि युवाओं में विविध जातीय समूहों को एकजुट करने, नस्लवाद का मुकाबला करने और शांति और प्रेम को बढ़ावा देने की क्षमता होती है। उनका सकारात्मक प्रभाव अपराध और हिंसा जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर कर सकता है। बेरोजगार शिक्षित युवाओं को अवसर प्रदान करके, हम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के लिए उनकी बुद्धिमत्ता का उपयोग कर सकते हैं। युवा भविष्य ही नहीं हैं , वरन वे हमारे समृद्ध वर्तमान के निर्माता हैं। यूथ "5Cs" को बढ़ावा देती हैं : राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका को कम करके नहीं आंका जा सकता। वे न केवल समस्या समाधानकर्ता हैं, बल्कि सकारात्मक प्रभाव, महत्वाकांक्षा और राष्ट्र को आगे बढ़ाने की क्षमता के वाहक हैं। हालाँकि, यह यात्रा ऐसी नहीं है जिसे वे अकेले शुरू कर सकें। परिवारों, समुदायों, सरकार और साथी युवाओं का समर्थन अपरिहार्य है। साथ मिलकर, हम युवाओं को सशक्त बना सकते हैं, उन्हें अपने कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम बना सकते हैं और भारत को वैश्विक मंच पर सफलता के साथ चमका सकते हैं। युवा सिर्फ हमारा भविष्य नहीं हैं; वे हमारे समृद्ध वर्तमान के निर्माता हैं।

इस अवसर पर पत्रकार एमडी आसिफ ,  प्रेरणा विजय , इंशा उजमा , विकाश कुमार, अनवारा अली , अमन कुमार , सूरज झा लालबाबू मिश्रा,, अमृत राज , सोनू कुमार आदि उपस्थित थे !

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