रेल के राजभाषा विभाग द्वारा कार्यशाला का आयोजन

यूनिकोड मंगल फोंट में सबको कार्य करने का निर्देश दिया गया

राजन मिश्रा
2 अगस्त 2019

कर्मचारियों को अधिक से अधिक काम हिंदी में करने के लिए किया प्रोत्साहित


हाजीपुर-राजभाषा विभाग द्वारा रेल  मुख्यालय हाजीपुर में कार्य करने वाले कर्मचारियों को अधिक से अधिक काम हिंदी में करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु कार्यशाला काम आयोजन किया गया । कार्यशाला में मुख्य वाणिज्य प्रबंधक दयानंद ने उपस्थित कर्मचारियों से कहा कि हिंदी प्रशासन की भाषा है और इसलिए अधिक से अधिक प्रशासनिक कार्य हिंदी में ही संपन्न किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा माना था क्योंकि यह ऐसी भाषा है जिसे सरकारी अधिकारी और कर्मचारी आसानी से सीख सकते हैं। यह पूरे देश की धार्मिक,आर्थिक और राजनीतिक संपर्क के माध्यम के रूप में प्रयोग की जा सकती है । हिंदी अधिकांश भारत वासियों द्वारा बोली जाती है । दूसरी भाषा के जानकार भी इसे आसानी से सीख सकते हैं और इससे राष्ट्रीय एकता को बल मिलता है । भारतीय भाषाओं में सिर्फ हिंदी में ही ऐसा गुण है । हमारे संविधान में भी संघ सरकार की राजभाषा के रूप में 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया जिसकी देवनागरी है । इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित मिथिला विश्वविद्यालय के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर प्रमोद कुमार शर्मा ने कहा कि किसी भी स्वतंत्र देश में जो सम्मान राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान को मिलता है, वही सम्मान राजभाषा को भी प्राप्त है । 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद संविधान सभा ने आपसी सहमति से हिंदी को संघ की राजभाषा घोषित किया । हिंदी में ही भारत के नूतन विचारों का स्पंदन और आत्मा की अभिव्यक्ति होती है । भारत सरकार द्वारा प्रशासनिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और विधि शब्दावली के निर्माण तथा सभी विभागों के अनुकूल साहित्य के निर्माण के लिए भी लगातार प्रयास किया जाता रहा है । अब सभी कंप्यूटरों में भी देवनागरी लिपि में टाइप की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है और यूनिकोड मंगल फोंट में सबको कार्य करने का निर्देश दिया गया है ।
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