नागार्जुन को याद करना अपनी परंपरा से जुड़ना है - नरेश प्रसाद सिन्हा


राजन मिश्रा
हाजीपुर - 28 जून, 2019,
रेल राजभाषा विभाग द्वारा आज नागार्जुन जयंती के उपलक्ष्य में परिचर्चा और कवि-गोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य राजभाषा अधिकारी सह प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री नरेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि नागार्जुन का सृजन और जीवन हमें प्रेरित ही नहीं करता, अपितु हमारी दृष्टि को परिमार्जित भी करता है । उन्होंने कहा कि नागार्जुन का जन-जीवन और सामाजिक आंदोलनों से गहरा जुड़ाव था । वे स्वामी सहजानंद सरस्वती के किसान आंदोलन से गहरे जुड़े थे साथ ही चंपारण किसान आंदोलन में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया था । श्री सिन्हा ने कहा कि नागार्जुन को याद करना अपनी परंपरा से जुड़ना । इस अवसर पर उन्होंने अपनी स्वरचित कविता “मेरी पहचान खो गई है” का पाठ किया, जिसकी कुछ पंक्तियाँ द्रष्टव्य हैं :-
“कोई मजहब न हो, कोई जाति न हो
मिटे बाकी की सारी निशानी ।
सिर्फ इतना-सा परिचय रहे दोस्तों
कि मैं हूँ एक हिन्दुस्तानी ।
हाल के दिनों में राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए राजभाषा विभाग द्वारा साहित्यिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का निरंतर आयोजन किया जा रहा है । आज का कार्यक्रम दो सत्रों में विभाजित था :- पहला सत्र- नागार्जुन के जीवन और रचनाधर्मिता पर केन्द्रित था, वहीं दूसरा सत्र उपस्थित कवियों द्वारा कविता पाठ का था । कार्यक्रम का संचालन करते हुए उप मुख्य राजभाषा अधिकारी सह उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक/पीएस श्री दिलीप कुमार ने कहा कि नागार्जुन का साहित्य सच्चे अर्थों में जनवादी साहित्य है । गोस्वामी तुलसीदास के बाद निराला और उनके पश्चात् नागार्जुन के काव्य में इतने आयाम हैं कि हम चकित हो जाते हैं । उन्होंने नागार्जुन के जीवन और साहित्य पर बोलते हुए कहा कि नागार्जुन अग्रिम पंक्ति के प्रगतिशील कवि थे जिनकी कविता और जीवन में कोई अंतर्विरोध नहीं है । इस अवसर पर उन्होंने अपनी कविता भी सुनाई जिसकी कुछ पंक्तियाँ द्रष्टव्य हैं :
लिखूँगा एक दिन मौन
तुम्हारे भीतरी दिवारों पर
तुम उसे कविता समझ लेना ......
मौके पर उपस्थित वरि. सहायक वित्त सलाहकार श्री अशोक कुमार प्रजापति ने नागार्जुन के घुमक्कड़ जीवन और रचनाओं पर बोलते हुए कहा कि नागार्जुन साहित्यिक, सामाजिक और राजनैतिक आंदोलनों से जुड़े रहे पर किसी विचारधारा को उन्होंने अंतिम सत्य नहीं माना । उन्होंने राजभाषा विभाग द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन की प्रशंसा की ।
इस अवसर पर सहायक वित्त सलाहकार श्री शैलेन्द्र कुमार, राजकिशोर राजन, भूषण कुमार, शंभू कुमार, शहजाद अहमद, अजय कुमार सिंह, अपूर्व भारद्वाज, एन. के. सिंह आदि ने भी कविता पाठ किया । इस मौके पर विभिन्न विभाग के रेलकर्मीगण उपस्थित थे । इन तमाम तथ्यों की जानकारी मुख्य जनसम्पर्क पदाधिकारी राजेश कुमार द्वारा उपलबध कराइ गई. 

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