“वैशाली प्रेक्षागृह” में मुशायरा कवि सम्मेलन का आयोजन


राजन मिश्रा /गणेश पांडे
30 मई 2019

हाजीपुर-भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद्, विदेश मंत्रालय और राजभाषा विभाग, पूर्व मध्य रेल द्वारा आयोजित मुशायरा कवि सम्मेलन में बिहार और उत्तर प्रदेश के कवियों ने खूब रंग जमाया. कुछ कवियों ने राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत रचनाएं सुनाईं तो कुछ ने हास्य कविताओं के माध्यम से श्रोताओं को गुदगुदाया. गीतकारों ने गीतों के माध्यम से प्रेम की वर्षा की तो दूसरों ने व्यंग्य के बाण चलाते हुए श्रोताओं को समसामयिक मुद्दों पर जगाया. इससे पहले कवि सम्मेलन का विधिवत्उद्घाटन पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी, अपर महाप्रबंधक ए.के.शर्मा और मुख्य राजभाषा अधिकारी और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के क्षेत्रीय निदेशक प्रवीण मोहन सहाय ने किया. इस अवसर पर महाप्रबंधक श्री एल. सी. त्रिवेदी ने कहा कि जीवन की आपाधापी और रेल के व्यस्त जीवन में कुछ सुकून के पल भी मिल जायें तो फिर एक नई उर्जा के साथ हम तरोताजा हो फिर से अपने काम में जुट जाते हैं. कविता या शेरो-शायरी मुरझाये हुए फूलों में रंग भर देते  हैं,निराश जीवन में उमंग भर देते हैं यानी कहने का आशय है कि इस जीवन और दुनिया में कविता, गजल मनुष्य को मनुष्य बनाते हैं. इस अवसर पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के क्षेत्रीय निदेशक श्री प्रवीण मोहन सहाय ने महाप्रबंधक श्री त्रिवेदी का खास तौर पर धन्यवाद देते हुए कहा कि इनके मार्गदर्शन में न सिर्फ रेल की समग्र व्यवस्था सुधर रही है बल्कि साहित्य और संस्कृति का भी विकास हो रहा है. उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन पर रेल प्रशासन के सहयोग की प्रशंसा की. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए वरि. कवि मृत्युंजय मिश्र करूणेश ने अद्भुत समा बाँधा. उनकी कुछ पंक्तियाँ निम्नवत् है :-

हो कंठ, उसे गान मिले, और कुछ नहीं
उस गान को भी प्राण मिले, और कुछ नहीं
मुरदे में जान फूँक दे बस एक गूँज से
वंशी को वही तान मिले, 

इस हास्य व्यंग्य के प्रसिद्ध कवि फजीहत गहमरी ने अपनी हास्य व्यंग्य की कविताओं से राजनीति सहित कई विषयों पर खूब कटाक्ष किया. उन्होंने यूँ तो कई कविताएँ सुनाई, परंतु उनकी इस कविता पर सभागार में बैठे दर्शकों ने खूब तालियॉ बजायी इस दौरान  कवि सम्मेलन का संचालन कर रहे वरि. ईडीपीएम श्री अशोक कुमार ने हाजीर जवाबी और चुटीले अंदाज से इस कवि सम्मेलन को नई ऊचाई प्रदान की. उन्होंने कई प्रख्यात कवियों की कविताएँ भी सुनाईं मौके पर  मुजफ्फरपुर से पधारी लता सिन्हा ज्योतिर्मय ने अपने सुमधुर कंठ से कई गीतों को सुनाकर सभागार में बैठे श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया  इस खास अवसर पर “अप डाउन में फँसी जिंदगी” के कवि एवं उप मुख्य राजभाषा अधिकारी सह उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक श्री दिलीप कुमार ने अपनी दो कविताएँ सुनाईं वही ,सिवान, बिहार से आये अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हास्य व्यंग्य कवि सुनील कुमार तंग ने खास अंदाज में हास्य व्यंग्य कविताएँ सुनाकर दर्शकों को लोटपोट होने पर बाध्य कर दिया जबकि  लखनऊ से पधारीं चर्चित शायर हिना रिजवी हैदर ने तरन्नुम में सुनाकर दर्शकों की वाहवाही लूटी , वही संजय मिश्र, गोपालगंज,‍ बिहार से पधारे थे, ने इस मौके पर अपनी गजलों और गीतों से सबका मन मोह लिया।
इस अवसर पर मुख्य राजभाषा अधिकारी सह प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक श्री एन. के. सिन्हा ने अपने स्वरचित गीत का सस्वर पाठ कर सिद्ध कर दिया कि वे सिर्फ रेल के एक उच्चाधिकारी ही नहीं साहित्य के मर्मज्ञ भी हैं. इस अवसर पर सेन्ट्रल बैंक के उच्चाधिकारी श्री एम. के. बजाज ने अपनी कविताएँ सुनाईं.
इस कवि सम्मेलन में प्रख्यात साहित्यकार पद्म श्री उषा किरण खान, विदेश मंत्रालय से संलग्न हिंदी सलाहकार समिति के माननीय सदस्य श्री वीरेन्द्र कुमार यादव सहित भारी संख्या में रेल के विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे.
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