स्वाईन फ्लू से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह
सीहोर, एमपी मीडिया पाइंट
प्रदेश के कई क्षेत्रों में स्वाईन फ्लू के प्रकरण दर्ज किये जा रहे है। भोपाल, इन्दौर में स्वाईन फ्लू के केसेस मिले हैं, इन जगहों पर यात्रा करने वाले आमजन जब भी इन जिलों में भ्रमण करने पर भीड़ वाले इलाको भ्रमण के दौरान सावधानी बरतें। स्वाईन फ्लू से बचाव एवं रोकथाम के लिए विभाग द्वारा जरूरी दिशा निर्देश समस्त बीएमओ तथा सिविल सर्जन को दिए गए हैं। संभावित स्वाईन फ्लू के मरीजों की स्क्रीनिंग, निदान, उपचार व रोकथाम के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं तथा समस्त स्वास्थ्य संस्थाओ में अलग से सर्दी-खांसी ओपीडी संचालित की जा रही है। जहां पर सर्दी-खांसी, बुखार के संदिग्ध मरीजो का पल्स आक्सीमीटर से परीक्षण कर उचित उपचार किया जा रहा है। समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में आवश्यक दवाईयां एवं उपकरण उपलब्ध है। स्वाईन फ्लू के प्रमुख लक्षणों में उच्च ग्रेड का बुखार और दवाईयों का असर नहीं होना, श्वांस लेने में परेशानी या छोटी-छोटी श्वांस का चलना, पेट और छाती में दर्द या दबाव, चक्कर आना या भ्रम की स्थिति गंभीर और लगातार उल्टियां वहीं बच्चों में पाए जाने वाले लक्षणों चमडी का रंग नीला होना, पर्याप्त तरल खाद्य नहीं ले पा रहा हो, चल नहीं पा रहा हो या बातचीत नहीं कर पा रहा हो चिड़चिड़ा होना व अत्यधिक बुखार होना प्रमुख है। अधिकतर सर्दी के मौसम में स्वाईन फ्लू के मरीज मिलने की संभावना बनी रहती है। मरीजों को शीघ्र उपचार प्रारंभ करने के लिए उपरोक्त लक्षणों की पहचान शीघ्र होना जरूरी है।इस संबंध में और अधिक जानकारी प्रदान करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि सावधानी के लिए खांसते और छींकते समय मुंह को रूमाल से ढका जाना चाहिए। सर्दी जुकाम से संक्रमित होने पर अन्य व्यक्तियों से कम से कम 1 मीटर की दूरी बनाकर रखना चाहिए। हाथ मिलाने और गले मिलने से बचें। संक्रमित व्यक्ति के द्वारा उपयोग किए गए टिश्यू, रूमाल, तौलिए, कपडे़ आदि का उपयोग न करें। सर्दी जुकाम के लक्षण है तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें। भीड़ वाले क्षेत्रों से बचना चाहिए। सर्दी के दिनों में स्वाईन फ्लू का वायरस अत्यधिक सक्रिय रहता है। जिला चिकित्सालय में स्वाईन फ्लू के लिए आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है। स्वाईन फ्लू होने की दशा में आवश्यक दवाईयां एवं दिशा निर्देश संबंधित सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को प्रेषित कर स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को निर्देशित किया गया है। सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में चिकित्सा विशेषज्ञ एवं तकनीकी स्टाफ स्वाईन फ्लू के संबंध में प्रशिक्षित है। स्वाईन फ्लू से संबंधित ए श्रेणी को मरीजों में सामान्य सर्दी, हल्का बुखार, जुकाम, उल्टी एवं दस्त एवं बदन दर्द की शिकायत रहती है। इसके लिए मरीज को दवा देकर घर पर रहकर आराम करने की सलाह दी जाती है वहीं बी श्रेणी में उपरोक्त ए श्रेणी के लक्षण के साथ-साथ तेज बुखार एवं श्वांस लेने में तकलीफ हो तब मरीज का टेमीफ्लू टेबलेट दी जाती है एवं घर पर आराम करने की सलाह दी जाती है वहीं सी श्रेणी के मरीजों में उपरोक्त दोनों श्रेणी के सांथ-सांथ श्वांस लेने में तकलीफ, छाती में दर्द, खखार में खून आना, नाखून नीले पड़ना आदि लक्षण होने पर मरीज को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कर स्वाईन फ्लू का उपचार टेमीफ्लू टेबलेट दी जाती है एवं रोगी की जांच हेतु थ्रोट स्वाॅब लेकर एम्स भोपाल, क्षेत्रीय जनजाति आर्युविज्ञान अनुसंधान केन्द्र जबलुपर एवं डीआरडीओ ग्वालियर में से किसी एक जांच केन्द्र पर सुविधानुसार सेंपल जांच के लिए जिला स्तर से भेजे जाते हैं।
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